लखनऊ। अल्लाह की इबादत का मुकद्दस पाक माह-ए-रमजान अब अंतिम दौर में है। रोजेदार करीब 15 घंटे भूखे प्यासे रहकर इबादत कर रहे हैं। पहली बार ऐसा हुआ कि, लोगों ने लॉकडाउन के चलते घर पर ही नमाज पढ़ी है। मस्जिदों में सिर्फ पांच लोग ही रहे। रमजान के खास दिन शब-ए-कद्र 20 मई को और रमजान का अलविदा जुमा 22 मई को रहेगा। चांद दिखने पर ईद-उल-फितर 24 या 25 मई को मनाया जाएगा। लेकिन लॉकडाउन की अवधि बढ़ी तो लोग अलविदा व ईद की नमाज कैसे पढ़ेंगे? इसको लेकर दारुल उलूम फरंगी महल की तरफ से एक फतवा जारी किया गया है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य व ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा- यदि कोरोनावायरस को लेकर लॉकडाउन बढ़ता है तो लोग जिस तरह अभी घरों में रहकर नमाज पढ़ रहे हैं, वैसे ही ईद और अलविदा की भी नमाज पढ़ेंगे। ईद के लिए नए कपड़े जरूरी नहीं हैं, जो आपके पास हैं उन्हीं का इस्तेमाल करें।
उन्होंने कहा- लॉक डाउन बढ़ने पर मस्जिदों को परमीशन न मिलने पर वर्तमान व्यवस्था लागू रहेगी। इमाम मोअज्जम के अलावा जो 3 लोग नमाज वर्तमान में पढ़ रहे हैं, वही ईद और अलविदा की नमाज भी पढ़ेंगे। बाकी सभी लोग अपने घरों पर ही नमाज अदा करें। कोई किसी के घर पर मिलने न जाए, घर पर ही खुशियां मनाएं। न किसी के गले मिले, न हाथ मिलाएं। ईद की नमाज में अल्लाह से दुआ करें कि कोरोना से मुक्ति दें।