अखिलेश यादव पर आक्रामक हुई भाजपा: जवाहर बाग कांड का पोस्टर किया जारी

लखनऊ। देश के गृहमंत्री अमित शाह रविवार को उत्तर प्रदेश के दौरे पर थे। उन्होंने यूपी में अवैध कब्जे और कानून व्यवस्था की कहानी दोहराई। कहा- पहले यूपी में भू-माफिया गरीबों और सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करते थे। यूपी की योगी सरकार ने चार सालों में माफियाओं पर नकेल कसी है। चार सालों में पेशेवर माफियाओं और गैंगस्‍टरों की 1584 करोड़ रुपए की सम्‍पत्ति को जब्‍त किया गया है। शाह का बयान यूं अचानक नहीं आया। इसके पीछे भाजपा की बड़ी रणनीति है।

दरअसल, यूपी में अखिलेश यादव लगातार योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। लिहाजा अखिलेश यादव को काउंटर करने के लिए यूपी भाजपा ने अपने ट्वीटर हैंडल से एक पोस्टर शेयर किया है। इस पोस्टर में एक तरफ यूपी में सपा सरकार के दौरान हुई जवाहर बाग कांड का जिक्र किया गया है तो दूसरी तरफ एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन कर आरोपियों पर कार्रवाई का जिक्र किया गया है। जाहिर है जवाहर बाग कांड का के जरिए भाजपा यूपी में अखिलेश यादव की सरकार के दौरान कानून व्यवस्था की बदहाल तस्वीर को दिखाना चाहती है।

पोस्टर में क्या है?

फर्क साफ है …’ नाम से बने इस पोस्टर के जरिए भाजपा अखिलेश यादव की सरकार में हुए जवाहर बाग कांड की याद दिलाकर उसे घेरना चाहती है। यह भी बताना है कि यूपी की योगी सरकार ने कैसे एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन कर ना सिर्फ अवैध कब्जा होने से रोका बल्कि माफियाओं की अवैध कब्जे पर बुलडोजर भी चलवाया। सीएम योगी और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की तस्वीर वाले इस पोस्टर में बाताया गया है कि योगी सरकार में भूमाफियाओं की हालत कैसी है?

जाहिर है भाजपा अब बेहद अक्रामक अंदाज में विपक्ष पर हमला करेगी। उनकी कमियों को सामने लाकर यह बताएगी कि कैसे योगी सरकार में कानून का राज है और जनता सुरक्षित है। इसके लिए सबसे पहले भाजपा ने जवाहर बाग कांड की तुलना की तुलना के लिए चुनावी पोस्टर तैयार किया है, जिसे सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है।

क्या है जवाहरबाग कांड ?

2 जून 2016 को मथुरा में जवाहर बाग में अवैध कब्जा हटाने गये पुलिस फोर्स पर फायरिंग हुई। अवैध कब्जाधारियों ने पुलिस पर हमला कर पूरे जवाहर बाग मे आग लगा दी। इस वारदात में 29 लोगों की मौत हुई थी। यह तारीख इतिहास के काले पन्नों में दर्ज है। इसी दिन जवाहर बाग पर अवैध कब्जाधारियों ने पुलिस और प्रशासन पर हमला किया और पूरे जवाहर बाग को अग्निकांड में बदल दिया था।

इस कांड का मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव ने 2013 में स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह का संगठन बना कर मथुरा में सैकड़ों एकड़ पर अवैध कब्जा कर रखा था। इस अवैध कब्जे को खाली कराने गई पुलिस टीम पर हथियारों से हमला किया गया था।

इस हमले में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसआई संतोष यादव सहित 29 लोग मारे गए थे। तब यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। भाजपा अब इसे अखिलेश सरकार के सबसे बड़े दाग के रुप में जनता के सामने रखना चाहती है।

जवाहरबाग कांड के पीछे सपा के एक बड़े नेता का नाम सामने आया था।
जवाहरबाग कांड के पीछे सपा के एक बड़े नेता का नाम सामने आया था।

विपक्ष की नकामियों का बताने के लिए बनाए गए पोस्ट

भाजपा के जानकार मानते हैं कि पार्टी की रणनीति आक्रामक तरीके से समाजवादी पार्टी को काउंटर करने की है। अखिलेश और मायावती सरकार में हुए बड़े कांड को जरिए ये बताया जाएगा कि कैसे योगी सरकार ने यूपी में कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाया है।

पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी कहते है कि ” जवाहर बाग कांड अखिलेश यादव सरकार का मॉडल था। जिसमें जाति विशेष के लोगों को सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे का लाइसेंस मिल जाता था। गरीबों और सरकारी जमीनों पर माफिया आसानी से कब्जा जमा लेते थे। लेकिन अब योगी राज में इन अवैध कब्जों पर बुलडोजर चल रहा है। माफिया जेल में और संपत्तियां कुर्क हो रही हैं। इतना ही नही सभी इस बात को जानते है कि जिन लोगों ने जवाहर बाग पर अवैध कब्जा किया था उनके उपर सरकार का हाथ था।

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