अपने शरीर की चोट से उबरने की प्रक्रिया को समझा तभी 100 टेस्ट खेल सका : ईशांत

अहमदाबाद| भारतीय तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा बुधवार से इंग्लैंड के साथ शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट मैच में मैदान पर उतरने के साथ ही कपिल देव के बाद 100 टेस्ट मैच खेलने वाले दूसरे भारतीय तेज गेंदबाज बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो से टेस्ट क्रिकेट में ही खेलने से उन्हें चोट से उबरने की प्रक्रिया को समझने में मदद मिली है और इससे उन्हें लंबे समय तक खेलने में मदद मिली है।

भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट बुधवार से मोटेरा के सरदार पटेल स्टेडियम में खेला जाएगा, जोकि डे-नाइट टेस्ट मैच होगा।

दांए हाथ के तेज गेंदबाज ने साथ ही कहा कि वह विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में क्वालीफाई करने के लिए भारतीय टीम के लिए अपना सबकुछ झोंकना चाहते हैं।

ईशांत ने सोमवार को मीडिया से कहा, ” इस समय हमारा लक्ष्य अगला मैच जीतना है। मैं केवल अगला मैच जीतना चाहता हूं और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में क्वालीफाई करने के लिए भारतीय टीम के लिए अपना योगदान देना चाहता हूं। जैसा कि मैं हमेशा कहता रहा हूं कि मेरे पास खेलने के लिए केवल एक ही फॉर्मेट है और यह मेरे लिए विश्व कप की तरह है। अगर हम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में क्वालीफाई करने में सफल रहते हैं और इसे जीतते हैं, तो मैं समझूंगा कि मेरे पास विश्व कप या फिर चैंपियंस ट्रॉफी जीतने जैसा अहसास होगा।”

उन्होंने कहा कि बतौर तेज गेंदबाज कपिल देव के 131 टेस्ट मैच खेलने के रिकॉर्ड की बराबरी करने पर फिलहाल उनका ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा कि एक ही फॉर्मेट में खेलने से उनके लिए तेजी से 100 टेस्ट मैच खेलने की उपलब्धि तक पहुंचना आसान हुआ है।

ईशांत ने कहा, ” अगर आप इसे सकारात्मक रूप में सोचेंगे तो आपके लिए यह और आसान और बेहतर होगा। एक ही फॉर्मेट में खेलते रहने से 100 टेस्ट तक पहुंचने में आसानी हुई है। लेकिन मैं नहीं सोचता कि अगर मैं सीमित ओवरों के क्रिकेट में खेलता तो मैं 100 टेस्ट मैच नहीं खेल पाता। मैं अभी केवल 32 साल का ही हूं। मैं आगे और बेहतर प्रदर्शन करूंगा।”

तेज गेंदबाज ईशांत ने पिछले तीन साल से टेस्ट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उन्होंने 2018 से लेकर अब तक 20 टेस्ट मैचों में 76 विकेट लिए हैं और इस दौरान उन्होंने चार बार पांच विकेट लिए हैं। ईशांत अब तक 11 बार पांच विकेट ले चुके हैं।

उन्होंने कहा, “मैंने अधिकतर टेस्ट मैच भारत से बाहर खेले हैं, इसलिए मैं इतने सारे विकेट लेने में सक्षम रहा हूं। क्योंकि अगर आप भारत में गेंदबाजी नहीं करते तो आप कैसे इतने विकेट लेते। भारत में स्पिनर अधिक गेंदबाजी करते हैं और तेज गेंदबाजों की भूमिका अलग होती है। पिछले दो वर्षो से हमने अधिकतर टेस्ट मैच भारत से बाहर ही खेले हैं, इसलिए मैं इतने विकेट ले पाया हूं।”

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