लखनऊ। भाजपा कार्यकर्ता प्रत्यूषमणि त्रिपाठी ने खुद ही हमले की साजिश रची थी। ये काम उनके गुर्गों ने अंजाम दिया था। इसका खुलासा सोमवार को महानगर पुलिस ने किया। उसने पांच लोगों को गिरफतार किया है। पकड़ में आये लोगों की मानें तो प्रत्यूषमणि त्रिपाठी दुश्मनों को सबक सिखाने के अलावा सुरक्षा चाहते थे। जिसके चलते उन्होंने अपने करीबियों संग मिलकर ये कदम उठाया था लेकिन हमले के बाद उनकी मौत हो गयी थी। पुलिस ने हमलावरों के कब्जे से घटना में इस्तेमाल की गयी बाइक के अलावाए मोबाइल व अन्य सामान बरामद किया है। इस मामले में तीन लोगों की गिरफतारी हो चुकी थी। दो लोग अभी बाकी थे। पर उन्होंने हत्याकाण्ड की गुत्थी सुलझने से पहले ही कोतवाली में आत्मसमर्पण कर दिया था।
कैसरबाग के मॉडल हाउस में रहने वाले प्रत्यूषमणि त्रिपाठी हत्याकाण्ड मामले में सोमवार को तब नया मोड़ आया जब पुलिस ने अनिल कुमार राणा, आशीष अवस्थी, महेन्द्र गुप्ता, प्रभात कुमार उर्फ ऋषि के अलावा अमित अवस्थी को धर दबोचा। गिरफत में आये लोगों से पूछताछ की गयी तो उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा किया। एसपी टीजी हरेन्द्र कुमार ने बताया कि 25 नवम्बर को प्रत्यूषमणि मारपीट की एफआईआर दर्ज कराना चाहते थे। वह अपने पहले मुकदमे को मजबूत करने के लिए जेल में निरूद्ध अभियुक्त की जमानत न होने देने तथा सुरक्षा प्राप्त करने के मकसद से हमला कराकर मुकदमा दर्ज कराना चाहते थे।
इसकी चर्चा उन्होंने अपने गुर्गे अनिल राणा, अमित अवस्थी उर्फ राजा, आशीष अवस्थी, प्रभात सिंह उर्फ ऋषि व महेन्द्र गुप्ता के साथ की थी। इन लोगों ने तीन दिसम्बर की शाम अमीनाबाद स्थित गड़बड़ झाला मार्केट से 250 रूपये का चाकू खरीदा। महेन्द्र को मेडिकल स्टोर पर भेजकर गल्ब्स मंगवाये। हमले के लिए अनिल राणा को तैयार किया। घटना से पूर्व आईटी चौराहा पहुंचने पर वहां अमित अवस्थी, प्रभात सिंह मिले। दोनों को भी प्रत्यूष पर हमले की योजना में शामिल किया गया। सभी लोग मौके पर पहुंचे। जहां पर प्रत्यूष ने अनिल से खुद पर हमले के लिए कहा। तब अनिल ने चाकू से पहला वार किया। बांह पर लगते हुए निकल गया। बाद में उसने दूसरा वार किया जिससे काफी गहरा जख्म हो गया। फिर प्रत्यूष ने सभी को ट्रामा पहुंचने को कहा।
घटना में इस्तेमाल किया गया चाकू हमलावरों ने कुकैरल बंधे फेंक देने की बात कबूली लेकिन वो पुलिस को नहीं मिला। इस सम्बन्ध में गहन पूछताछ की जा रही है। बताते चलें कि बादशाहनगर चौराहे पर प्रत्यूष खून से लथपथ मिले थे। उन्हें ट्रामा पहुंचाया गया जहां इलाज के दौरान मौत हो गयी थी। इस मामले में पुलिस ने मृतक की पत्नी की तहरीर पर सलमान, अदनान, धु्रव, शीबू व रोहित सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिस ने सलमान, अदनान व शीबू को गिर तार कर लिया था जबकि रोहित व ध्रुव ने सोमवार को गुत्थी सुलझने से पहले आत्मसमर्पण कर दिया था।
सभी योजनाबद्व होकर निकले थे घर से
एएसपी टीजी ने बताया कि प्रत्यूष ने अपने साथी महेंद्र के साथ घटना के दिन गड़बड़झाला से 250 रुपये में खुद ही मीट काटने वाला चाकू खरीदा था। बाद में महेंद्र को मेडिकल शॉप से ग्लब्स खरीदने के लिए भेजा था। सभी योजना बनाकर घर से निकले थे और सुनसान स्थान देखकर बादशाह नगर रेलवे स्टेशन के पास घटना को अंजाम देने की बात तय की थी। आरोपितों ने चाकू कुकरैल नाले में फेंक दिया था।
उकसाने पर किया था चाकू से जोरदार वार
मामले के विवेचक इंस्पेक्टर महानगर विकास कुमार पांडेय ने बताया कि प्रत्यूष ने पहले आशीष को चाकू मारने के लिए कहा था। आशीष ने इंकार कर दिया था कि उससे नहीं हो पाएगा। इसके बाद प्रत्यूष ने अनिल राणा से हमला करने को बोला था। अनिल ने कंधे के पास चाकू से वार किया, लेकिन घाव गहरा नहीं हुआ। इस पर प्रत्यूष ने आरोपितों को दोस्ती का वास्ता देकर उकसाया था, जिसके बाद अनिल ने सीने पर हमला किया था। बताया गया कि एक अधिवक्ता ने बादशाहनगर के पास इस वारदात को अंजाम देने की सलाह दी थी।
ट्रामा सेण्टर पहुंचकर बुलाई थी मीडिया
पुलिस का दावा है कि प्रत्यूष ने हमले के बाद आरोपितों को सीधे ट्रामा सेंटर पहुंचकर हंगामा करने के लिए कहा था और मीडिया को बुलाने की योजना बनाई थी। ट्रामा में भाजपा नेता की मौत के बाद खुद को बचाने के लिए आरोपितों ने साथियों संग हंगामा और पुलिस से अभद्रता की थी। पुलिस ने पांचों आरोपित अनिल कुमार राणा, आशीष अवस्थी, महेंद्र गुप्ता, प्रभात कुमार उर्फ ऋषि और अमित अवस्थी को गिरफतार कर लिया है।
पांचों पर दर्ज होगा गैर इरादतन हत्या का आरोप
प्रत्यूष खुद के बिछाए जाल में फंसकर काल के गाल में समा गए। अत्यधिक रक्त स्त्राव मौत का कारण बना और साजिश में शामिल सभी आरोपित जेल भेजे गए। पुलिस पहले दिन से घटना पर संदेह जता रही थी। यही वजह है कि पुलिस ने हत्या के बजाय कैसरबाग में दर्ज मामले में जीशान, अदनान, सलमान और शिबू को गिरफतार किया था। सीओ महानगर संतोष कुमार सिंह के मुताबिकं गिरफतार पांचों लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या में पड़ताल की जाएगी।