लखनऊ। प्रदेश में कोरोना की रफ्तार थामने के लिए योगी सरकार युद्धस्तर पर मेडिकल स्क्रीनिंग और जांच कराने में जुट गई है। राज्य में अब तक चार करोड़ से ज्यादा लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग हो चुकी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य महकमे की एक लाख से अधिक मेडिकल टीमें दिन रात स्क्रीनिंग कर रही हैं। अभी तक 80,15,712 घरों तक जांच के लिए मेडिकल टीमें पहुंच चुकी हैं। यह संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
मेडिकल टीमों की मदद के लिए मुख्यमंत्री ने आशा कार्यकत्रियों की भी टीमें युद्धस्तर पर लगा दी हैं, जो लगातार घरेलू एकांतवास (होम क्वारंटाइन) में रहने वाले कामगारों के बीच पहुंच रही हैं। इनमें किसी तरह का लक्षण दिखायी देने पर वह इसकी सूचना दे रही हैं। आशाओं की सूचना काफी सटीक साबित हो रही है और उनकी जानकारी पर कराये प्रवासी कामगारों में कई की रिपोर्ट पॉजिटिव भी आयी है।
निगरानी समितियां मेडिकल स्क्रीनिंग में भी सरकार की मददवहीं प्रदेश में हर कोरोना संदिग्ध की सूचना देने, उनकी जांच कराने व उन पर नजर रखने के लिए हर ग्राम पंचायतों व हर वार्डों में बनाई निगरानी समितियों को मुस्तैदी से अपना कार्य करने को कहा गया है। प्रदेश सरकार के मुताबिक निगरानी समितियां मेडिकल स्क्रीनिंग में भी सरकार की मदद कर रही हैं।
प्रदेश के कोविड अस्पतालों में 1,01236 बेड उपलब्ध
राज्य सरकार के मुताबिक प्रदेश में कोविड अस्पतालों में अब कोरोना मरीजों के लिए 1,01236 बेड उपलब्ध हो चुके हैं। इनमें एल-1 स्तर के 403 अस्पतालों में 72,934 बेड, एल–2 स्तर के 75 अस्पतालों में 16,212 बेड और एल–3 स्तर के 25 अस्पतालों में 12,090 बेड उपलब्ध हैं। केवल कोरोना मरीजों के लिए 2000 से ज्यादा वेंटिलेटरों की व्यवस्था की जा चुकी है।
जल्द होने लगेगी प्रतिदिन 15,000 कोरोना नमूनों की जांच
प्रवासी कामगारों की लगातार हो रही वापसी के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच का दायरा और बढ़ाने के भी निर्देश दिये हैं। राज्य में अब तक तीन लाख से अधिक लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है। प्रतिदिन लगभग 10,000 कोरोना नूमनों की जांच की जा रही है। मुख्यमंत्री ने एक सप्ताह में इसे 15,000 टेस्ट प्रतिदिन करने के निर्देश दिये हैं। इसके बाद 30 जून तक ये संख्या प्रतिदिन 20,000 की होगी। इसके लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर तेजी से काम किया जा रहा है। वर्तमान में 31 प्रयोगशालाओं में परीक्षण चल रहा है तथा 12 नये टेस्टिंग लैब की स्थापना के लिए टेण्डर किया गया है।
15 लाख क्षमता के एकांतवास केन्द्रों में हुई जांच
15 लाख क्षमता के एकांतवास केन्द्रों (क्वारंटाइन सेन्टर) में ही प्रवासी श्रमिकों व कामगारों की मेडिकल स्क्रीनिंग व जांच की गई है। यहां प्रवासियों के आने के साथ ही भोजन व आवासीय सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। मेडिकल स्क्रीनिंग में जो लोग स्वस्थ मिले उन्हें राशन पैकेट के साथ घरेलू एकांतवास के लिए भेजा गया और नियमों का पालन करने को बोला गया। वहीं जो अस्वस्थ मिले उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराते हुए इलाज शुरू किया गया।