बिजनौर। महाराजगंज जिले की नौतनवा विधानसभा से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी को बिजनौर पुलिस ने मंगलवार को कोर्ट में पेश किया। जहां उन्हें छह अन्य साथियों के साथ 20-20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई। हालांकि, वे अभी अपने घर नहीं जा पाएंगे। बिजनौर में ही विधायक व उनके साथियों को 14 दिनों के लिए क्वारैंटाइन किया जाएगा।
बद्रीनाथ जाते समय पुलिस ने पकड़ा था
दरअसल, नौतनवा विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने सीएम योगी के पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट के पितृ कार्य के नाम पर उत्तराखंड में लॉकडाउन का उल्लंघन किया। जहां उन्हें बीते रविवार रात विधायक को उनके 10 अन्य साथियों के साथ में टिहरी जिले के मुनीकीरेती थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया। हालांकि, इसके बाद उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। आरोप है कि, विधायक ने तब पुलिस को एक पास दिखाते हुए कहा कि, वे यूपी के सीएम योगी के स्वर्गीय पिता के पितृ कार्य के निमिद्ध बद्रीनाथ जा रहे हैं। हालांकि, पुलिस ने आगे जाने नहीं दिया। कुछ देर हंगामा करने के बाद विधायक खुद लौट गए। ये पास उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश व देहरादून के अपर जिलाधिकारी रामजी शरण के हस्ताक्षर से जारी हुए थे।
वहां से लौटते समय सोमवार को बिजनौर पुलिस ने विधायक व उनके 6 साथियों को गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार को सभी को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। विधायक अमनमणि पूर्वांचल के बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं। मधुमिता हत्याकांड में अमरमणि वर्तमान में जेल में हैं।
विधायक ने कहा- महाराज हमारे गार्जियन
इस मामले में विधायक अमन मणि का कहना है कि एडमिनिस्ट्रेशन का आपस में कोई कंफ्यूज़न है। उन्होंने उत्तराखण्ड में पास के बारे में बताया कि उनके पास बद्रीनाथ, केदारनाथ जाने की अनुमति थी। लेकिन उसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिताजी की तेहरवीं का भी जिक्र था। महाराज (योगी आदित्यनाथ) हमारे गार्जियन हैं। वो हमारे घर के कार्यक्रमों में आते रहे हैं। ऐसे में हमारी भी कुछ नैतिक जिम्मेदारी है।
योगी का नाम जुड़ने से सरकार ने दी थी सफाई
सोमवार को यह मामला तूल पकड़ने के बाद योगी सरकार ने सफाई दी थी। कहा था कि, अमनमणि अपने कृत्यों के लिए स्वयं जिम्मेदार हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य सरकार की तरफ से उन्हें कोई पास अधिकृत नहीं किया गया।उनके तथ्यों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ जोड़ना आपत्तिजनक है।