नई दिल्ली: देश में अमीरों पर अलग से टैक्स यानी ‘बिलेनियर टैक्स’ को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन (V Anantha Nageswaran) ने ‘बिलेनियर टैक्स’ लगाने के सुझावों के खिलाफ चेतावनी दे डाली। उन्होंने तर्क दिया कि इससे देश को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। इस टैक्स को लगाने से देश से पूंजी बाहर जा सकती है और निवेश प्रभावित हो सकता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि पब्लिक पॉलिसी के प्रभाव अक्सर असममित होते हैं। पूंजी पर कम टैक्स लगाने से वे निवेश नहीं कर सकते, लेकिन पूंजी पर ज्यादा टैक्स लगाने से पूंजी बाहर चली जाएगी। पूंजी को बाहर निकालना आसान है, लेकिन उसे वापस लाना बहुत मुश्किल।
पिकेट की स्टडी के निष्कर्षों पर सवाल
सरकार के शीर्ष अर्थशास्त्री नागेश्वरन ने अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी (Thomas Piketty) की ओर से की गई स्टडी के कुछ निष्कर्षों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने तर्क दिया कि भारत बड़ी संख्या में लोगों को अत्यधिक गरीबी से सफलतापूर्वक बाहर निकालने में कामयाब रहा है। नागेश्वरन ने चेतावनी देते हुए कहा कि विनियमन के माध्यम से समानता लागू करने से छोटे व्यवसायों को नुकसान होता है। ऐसा पहले भी देखा गया था।
शेयर मार्केट से जुड़ रहे छोटे निवेशक
उन्होंने कहा कि पिकेटी की कैलकुलेशन का एक हिस्सा शेयर बाजारों में बनाई गई संपत्ति पर आधारित था, लेकिन शेयरों में निवेश अब छोटे शहरों और कस्बों तक फैल गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बात के सबूत हैं कि शीर्ष 20 कंपनियों और अन्य के बीच का अंतर कम हो रहा है।
जब पिकेटी ने दुनिया भर में सुपर-रिच पर टैक्स लगाने और जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए देशों में टैक्स का इस्तेमाल करने पर जोर दिया, तो नागेश्वरन ने यह कहते हुए जवाब दिया कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि अमीर देश धन का इस्तेमाल करेंगे।
ज्यादा टैक्स से हो सकती है टैक्स चोरी
पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य शमिका रवि ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग के आंकड़ों के मुताबिक कम टैक्स ने अनुपालन में सुधार किया है। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत में ज्यादा टैक्स के टैक्स की ज्यादा चोरी हो सकती है।