पुलिस अधीक्षक डा. ख्याति गर्ग ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि बुधवार की सुबह अमेठी कोतवाली के इंचार्ज अपनी टीम के साथ गश्त पर थे कि मुखबिर से सूचना मिली कि फर्जी अनामिका शुक्ला अमेठी बस स्टॉप पर खड़ी है। पुलिस टीम ने तत्काल वहां पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
एसपी ने बताया कि आरोपित फर्जी शिक्षिका ने पूछताछ में अपना नाम अनामिका शुक्ला बताया। कड़ाई से पूछताछ के बाद उसने अपना नाम आरती उर्फ आकृति उर्फ अन्नू पुत्री रामधनी बताया। वो मूलरुप से कन्नौज जिले के विशुनगढ़ थाना क्षेत्र के सरदामई गांव की निवासी है।
एसपी ने बताया कि आरोपित अनामिका शुक्ला के नाम पर उसके शैक्षिक प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र पर कस्तूरबा गांधी विद्यालय अमेठी में नौकरी कर रही थी।
एसपी ने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) प्रभाकर मिश्र ने छह जून को अनामिका शुक्ला के विरुद्ध लिखित तहरीर दिया था। उन्होंने तहरीर में लिखा था कि समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला है कि अनामिका शुक्ला अमेठी सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलो में संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में कार्यरत है। उसे समस्त प्रमाण पत्रों के साथ उपास्थित होकर साक्ष्य प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन निर्धारित समय में वो उपास्थित नही हुई। जिसके बाद उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था।