अमेरिका ने बेरूत विस्फोट कांड में मदद के लिए बढ़ाया हाथ

लॉस एंजेल्स। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वह बेरूत में रासायनिक विस्फोट कांड में आहत लोगों की मदद करने के लिए तत्पर हैं। इसके लिए वह रविवार को वैश्विक आर्थिक मदद के लिए लेबनान सहित संयुक्त राष्ट्र के नेताओं और फ़्रांस के राष्ट्रपति से विचार विमर्श करेंगे। इस घटना में 150 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि पाँच हज़ार लोग घायल हुए हैं। जबकि इस घटना में ढाई लाख लोग घर-बेघर हो चुके हैं। अमेरिका ने तीन हवाई जहाज़ में आवश्यक साज सामान लेबनान भेजा है, जबकि एक सौ तीस करोड़ रुपये की आपदा कोष से विशेष आर्थिक मदद दी जा रही है।

ट्रम्प ने शनिवार को ट्वीट में कहा है कि वैश्विक स्तर पर सभी लेबनान की मदद करना चाहते हैं। इससे एक दिन पहले उन्होंने न्यू जर्सी स्थित अपने रिज़ार्ट में पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि बेरूत विस्फोट कांड भयावह था। उन्होंने लेबनान के राष्ट्रपति मीशेल आओन से फ़ोन पर बातचीत की है। अमेरिका के तीन हवाई जहाज़ आवश्यक साज सामग्री सहित लेबनान की ओर रवाना हो चुके हैं।
एक रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि लेबनान कभी फ़्रांस का उपनिवेश होता था। बेरूत में विस्फोट कांड से द्रवित हो कर फ़्रांस के राष्ट्रपति मैक्रो गुरुवार को बेरूत पहुँचे थे। तब मैक्रों ने घटनास्थल के दौरे के पश्चात कहा था कि यह एक ऐसी घटना है, जिसकी अन्तर्राष्ट्रीय जाँच ज़रूरी है। उन्होंने कहा था कि लेबनान के नेताओं को इस विस्फोट कांड से पूरी तरह दोषमुक्त होने की छूट नहीं दी जा सकती। बेरूत के लोगों ने भी मैक्रो का लगभग घेराव करते हुए उनसे देश में व्याप्त घोर भ्रष्टाचार से मुक्ति और प्राण रक्षा की माँग की थी।
संवाद समितियों के अनुसार विस्फोट कांड से अभी मलबे  से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। लेबनान के राष्ट्रपति आओन ने शुक्रवार को कहा था कि जाँच के आदेश दिए जा चुके हैं। इस से पता चलेगा कि यह विस्फोट असावधानी वश हुआ है या लापरवाही का परिणाम है। इस जाँच में इस बात का भी पता लगाने को कहा गया है कि यह घटना किसी बम विस्फोट से हुई  है अथवा किसी बाहरी हमले से।  फ़िलहाल बेरूत बंदरगाह पर विस्फोट से संबंधित 19 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।

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