वॉशिंगटन। दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 7.90 करोड़ के ज्यादा हो गया। 5 करोड़ 56 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 17 लाख 36 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े www.worldometers.info/coronavirus के मुताबिक हैं।
अमेरिका में भले ही वैक्सीनेशन शुरू हो गया हो, लेकिन यहां के अस्पतालों में भर्ती होने वालों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार को यहां 1 लाख 19 हजार 463 संक्रमितों को भर्ती कराया गया। ब्रिटेन में कोरोना के नए स्ट्रैन के चलते अब तक करीब 40 देशों ने ट्रैवल बैन लगा दिया है।
अमेरिका में परेशानी बढ़ी
अमेरिका में बुधवार को अस्पताल में भर्ती होने वाले संक्रमितों की संख्या फिर तेजी से बढ़ी। एक ही दिन 1 लाख 19 हजार से ज्यादा मरीज एडमिट किए गए। CNN ने यह जानकारी कोविड ट्रैकिंग प्रोजेक्ट (CTP) के अफसरों के हवाले से दी है। यह लगातार 22वां दिन था जब अमेरिकी अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या एक लाख से ज्यादा हुई।
इसके पहले मंगलवार को 1 लाख 17 हजार लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कैलिफोर्निया में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। यहां अस्पतालों में मेकशिफ्ट वार्ड बनाए जा रहे हैं। इनमें मरीजों को रखा जा रहा है।
जनवरी तक 4 लाख से ज्यादा मौतों की आशंका
CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 16 जनवरी तक 4 लाख 19 हजार से ज्यादा हो जाएगा। CNN ने यह जानकारी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के हवाले से दी है। इसमें कहा गया है कि अगर मौतों की यही रफ्तार जारी रही तो 16 जनवरी 2021 तक मरने वालों का आंकड़ा 3 लाख 78 हजार से 4 लाख 19 हजार तक पहुंच जाएगा। अब तक 3.34 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
इटली में बाजार सूने
क्रिसमस पर जन्नत से नजर आने वाले यूरोपीय देशों और खासकर इटली में इस बार सब फीका और बेरंग है। यहां के बाजारों में चहल-पहल नजर नहीं आती। न तो ठीक से दुकानें खुली हैं और न लोगों की आवाजाही नजर आती है। ब्रिटेन में कोविड-19 के नए वेरिएंट के मिलने से लोगों में दहशत का आलम है। सरकार ने भी साफ कर दिया है कि आने वाले वक्त में प्रतिबंधों में कोई राहत नहीं दी जाएगी। वेटिकन सिटी में भी सन्नाटा पसरा है।
ब्रिटेन की मुश्किलों में इजाफा
ब्रिटेन में कोविड-19 के नए वेरिएंट के मिलने के बाद दिक्कतें बढ़ गई हैं। अब तक करीब 40 देश यहां से आने और जाने वाली फ्लाइट्स को बैन कर चुके हैं। इनमें भारत के अलावा, हॉन्गकॉन्ग, कनाडा, स्विटजरलैंड और जर्मनी भी शामिल हैं। फ्रांस ने जरूर ब्रिटेन को थोड़ी राहत दी और ट्रकों के लिए बॉर्डर खोलने की मंजूरी दी, लेकिन यूरोप के बाकी देशों ने ऐसा नहीं किया। अब ब्रिटिश सरकार कुछ देशों से बातचीत कर रही है ताकि जरूरी सामान की सप्लाई पर असर न पड़े।