अमेरिका में कैसे बन सकते हैं डॉक्टर, क्या है एडमिशन प्रोसेस?

अमेरिका अपनी टॉप एजुकेशन के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। यहां इंजीनियरिंग, साइंस, टेक्नोलॉजी जैसी फील्ड की बेहतरीन पढ़ाई करवाई जाती है। हालांकि, बहुत ही कम लोगों को मालूम है कि अमेरिका में मेडिकल की पढ़ाई भी करवाई जाती है। वो अलग बात है कि यहां पर पढ़ने वाले ज्यादातर छात्र अमेरिकी ही होते हैं। हालांकि, धीरे-धीरे विदेशी छात्र भी मेडिकल की पढ़ाई के लिए अमेरिका में आ रहे हैं। इसकी मुख्य वजह डॉक्टरों की सैलरी होती है।

अमेरिका में होने वाली मेडिकल की पढ़ाई भारत में होने वाली एमबीबीएस की पढ़ाई से बिल्कुल अलग होती है। यहां का पैटर्न भारतीय से पूरी तरह से अलग है। ऐसे में आइए जानते हैं कि भारतीय छात्र अमेरिका में मेडिकल की पढ़ाई कर किस तरह से डॉक्टर बन सकता है। इसके लिए कौन-कौन से एग्जाम देने होंगे। साथ ही ये भी जानते हैं कि अमेरिका में डॉक्टर की औसतन सैलरी कितनी होती है।

10+2 की पढ़ाई पूरी करना: अमेरिका में मेडिकल की पढ़ाई के लिए भारतीय छात्रों को 10+2 की पढ़ाई पूरी करनी होगी, वो भी फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी जैसे विषयों के साथ। स्टूडेंट के कम से कम 60% नंबर होने चाहिए। हालांकि, बहुत से अमेरिकी मेडिकल कॉलेज एडमिशन के दौरान इस बात पर गौर नहीं करते हैं कि स्टूडेंट्स ने 10+2 या उसके बराबर की पढ़ाई के दौरान किन सब्जेक्ट्स को पढ़ा है। यहां मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए प्री-मेडिकल प्रोग्राम पूरा करना होता है।

4 वर्षीय प्री-मेडिकल प्रोग्राम: भारत में 10+2 की पढ़ाई के बाद तुरंत एमबीबीएस में एडमिशन मिल जाता है। मगर अमेरिका में ऐसा नहीं होता है। यहां पर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन से पहले छात्रों को चार वर्षीय बैचलर डिग्री हासिल करनी होती है। हालांकि, बैचलर डिग्री किस विषय में होनी चाहिए, ये जरूरी नहीं होता है। मगर इसके बिना मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं मिलता है। मगर बेहतर यही होता है कि छात्र नेचुरल साइंसेज, बायोलॉजी और केमेस्ट्री जैसे विषयों में डिग्री हासिल करें।

MCAT एग्जाम: ग्रेजुएशन के बाद छात्रों को अमेरिका में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए ‘मेडिकल कॉलेज एडमिशन टेस्ट’ यानी MCAT देना होता है। MCAT कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम होता है, जो एडमिशन के लिए जरूरी होता है। एडमिशन के दौरान छात्र के एकेडमिक रिकॉर्ड के साथ-साथ उसके MCAT स्कोर को भी देखा जाता है। MCAT में चार सेक्शन होते हैं, जिसमें फिजिकल साइंस, बायोलॉजिकल साइंस, वर्बल रीजनिंग और राइटिंग सैंपल सेक्शन शामिल हैं।

मेडिकल स्कूल में एडमिशन: मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के बाद छात्रों को चार साल तक पढ़ाई करनी होती है। अमेरिका में मेडिकल डिग्री की पढ़ाई करने के इच्छुक भारतीय छात्रों के बीच एक आम गलतफहमी ये रहती है कि अमेरिका में मेडिकल स्कूल एमबीबीएस की डिग्री प्रदान करते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। अमेरिका में मेडिकल स्कूल अंडरग्रेजुएट एम.डी. (मेडिकल डॉक्टर) या डी.ओ. (ऑस्टियोपैथिक मेडिसिन के डॉक्टर) की डिग्री देते हैं।
मेडिकल कॉलेज में चार साल तक पढ़ाई करनी होती है। पहले दो साल अलग-अलग मेडिकल सब्जेक्ट्स की थ्योरी पढ़ने में बीत जाता है। इस दौरान सिर्फ क्लासरूम में पढ़ाई करवाई जाती है और कभी-कभी लैब लेकर जाया जाता है। आखिरी दो सालों में छात्रों को अस्पतालों में क्लिनिकल इंटर्नशिप करनी होती है, जहां छात्र सीनियर डॉक्टर्स की देखरेख में प्रैक्टिकल तरीके से इलाज करना सीखते हैं। इस तरह चार की पढ़ाई के बाद उन्हें डिग्री मिल जाती है।
रेजिडेंसी प्रोग्राम को पूरा करना: मेडिकल कॉलेज में अंडरग्रेजुएट मेडिकल प्रोग्राम पूरा करने के बाद स्टूडेंट्स को रेजीडेंसी प्रोग्राम पूरा करना होता है। चुनी गई स्पेशलाइजेशन के आधार पर, रेजीडेंसी प्रोग्राम 3 से 7 साल के बीच चल सकता है। रेजिडेंसी प्रोग्राम के दौरान प्रैक्टिकल स्किल सिखाया जाता है। किस तरह के मरीज को चेक करना है और मेडिकल हिस्ट्री किस तरह से तैयार करनी है, ये सारी चीजें रेजिडेंसी प्रोग्राम के दौरान ही सिखाई जाती हैं।
मेडिकल लाइसेंस हासिल करना: मेडिकल छात्रों के लिए अमेरिका में अपनी डॉक्टरी की प्रैक्टिस शुरू करने के लिए मेडिकल डिग्री पूरी करना ही काफी नहीं होता है। अमेरिका के सभी राज्यों में मेडिकल ग्रेजुएट्स को प्रैक्टिस करने के लिए लाइसेंस लेना होता है। रेजिडेंसी प्रोग्राम पूरा करने के बाद छात्रों को USMLE-3 नाम से एक एग्जाम क्लियर करना होता है। USMLE-1 और USMLE-2 एग्जाम मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही पूरा हो जाता है। USMLE-3 आखिरी एग्जाम होता है, जिसे पास करने के बाद लाइसेंस मिलता है।

अमेरिका में डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है?

अमेरिका में एक डॉक्टर का सैलरी लोकेशन, स्पेशलाइजेशन, एक्सपीरियंस आदि पर निर्भर करती है। डॉक्टर में सबसे अधिक सैलरी वाला क्षेत्र प्लास्टिक सर्जरी, कार्डियोलॉजी या ऑर्थोपेडिक सर्जरी है। अमेरिका में एक डॉक्टर का वार्षिक औसत वेतन लगभग 1.4 करोड़ रुपये होती है।

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