अयोध्या ज़मीन विवाद में एक चैप्टर और जुड़ा, किस मोड़ तक ले जायेगा नया मामला

लखनऊ. श्रीराम जन्म भूमि तीरथ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई ज़मीन की 18 करोड़ रुपये की डीलिंग वाले मामले का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि एक और विवाद सामने आ गया. यह नया मामला किस मोड़ तक ले जायेगा यह आने वाला समय ही बताएगा.

जानकारी मिली है कि 18 मार्च 2021 को साढ़े 18 करोड़ रुपये की ज़मीन की रजिस्ट्री हुई, उसी दिन आठ करोड़ रुपये की ज़मीन की एक और रजिस्ट्री हुई है और यह रजिस्ट्री श्री राम जन्मभूमि तीरथ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय के नाम हुई है. चम्पत राय के नाम से रजिस्टर्ड हुई ज़मीन की आठ करोड़ रुपये कीमत ट्रस्ट के एकाउंट से कुसुम पाठक और हरीश पाठक के एकाउंट में आरटीजीएस किया गया है.

इस मामले में पेंच एक और जगह फंसना चाहिए था जो अभी नहीं फंसा है. दरअसल सुलतान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नाम 1.208 हेक्टेयर ज़मीन की रजिस्ट्री के लिए साढ़े 18 करोड़ रुपये लिए जबकि ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय के नाम 1.037 हेक्टेयर ज़मीन की रजिस्ट्री सिर्फ आठ करोड़ में की गई.

यह सवाल भी तो उठना चाहिए कि एक ही जगह पर ज़मीन के दाम में इतना ज्यादा फर्क कैसे है. 100 बिस्वा ज़मीन का साढ़े 18 करोड़ रुपये और 80 बिस्वा ज़मीन का आठ करोड़ रुपये का भुगतान किस आधार पर किया गया.

जानकारी के अनुसार सुलतान अंसारी ने हरीश पाठक से यह ज़मीन 2011 में लेने के लिए अनुबंध किया था. सौदा दो करोड़ में तय हुआ था. सुल्तान अंसारी ने 10 लाख रुपये बतौर पेशगी दिए थे. 2017 में 50 लाख रुपये और दिए. इस अनुबंध का हर साल रिन्यूवल किया जाता रहा. सौदा दो करोड़ का था, मतलब सुलतान अंसारी को एक करोड़ तीस लाख रुपये और अदा करने थे.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साथ अंसारी का सौदा हो गया तो 18 मार्च 2021 को पाठक को बकाया पैसा देकर सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी के नाम पर बैनामा करा दिया गया. जिस दिन बैनामा हुआ उसी दिन ट्रस्ट ने साढ़े 18 करोड़ देकर ज़मीन अपने नाम करा ली.

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