तमसा नदी के किनारे बसे आजमगढ़ लोकसभा (Azamgarh Loksabha) क्षेत्र का चुनावी गणित अपने पक्ष में करने की कोशिश खूब की गई। चुनाव परिणाम पर हर किसी की नजर टिकी हुई थी। लोकसभा चुनाव 2019 में इस सीट से समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जीत दर्ज की। उप चुनाव में हार के बाद आजमगढ़ में भाजपा को बढ़त मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी।
हालांकि, वोटों की गिनती के साथ ही आजमगढ़ में सपा के धर्मेंद्र यादव ने विजयी बढ़त बना ली। आखिरकार धर्मेंद्र यादव ने 1,61,035 वोटों के अंतर से आजमगढ़ लोकसभा सीट को अपने नाम किया। धर्मेंद्र यादव को कुल 5,08,239 वोट मिले। वहीं, भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ को 3,47,204 वोट मिले। वहीं, बहुजन समाज पार्टी के मशहूद सबीहा अंसारी 1,79,839 वोट हासिल करने में कामयाब रहे। उन्होंने यह वोट हासिल कर क्षेत्र में बसपा की मजबूत पकड़ का प्रमाण पेश किया।
आजमगढ़ उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव 2024- देखें सीट से कौन जीता कौन हारा
पार्टी | कैंडिडेट | कुल वोट | जीत का मार्जिन |
सपा | धर्मेंद्र यादव | 5,08,239 | 1,61,035 |
बीजेपी | दिनेश लाल यादव निरहुआ | 3,47,204 | |
बसपा | मशहूद सबीहा अंसारी | 1,79,839 | |
जन राज्य पार्टी | पारस यादव | 2491 | |
मूलनवासी समाज पार्टी | महेंद्र नाथ यादव | 1905 | |
मौलिक अधिकार पार्टी | रविंद्र नाथ शर्मा | 3042 | |
निर्दलीय | पंकज कुमार यादव | 1599 | |
निर्दलीय | विजय कुमार | 1735 | |
निर्दलीय | शशिधर | 2232 | |
नोटा | इनमें से कोई नहीं | 6234 |
सपा का गढ़ रहा है आजमगढ़
मैनपुरी के करहल विधानसभा सीट से यूपी चुनाव 2022 में जीत दर्ज करने के बाद अखिलेश ने आजमगढ़ छोड़ दिया। लोकसभा उप चुनाव 2022 में आजमगढ़ ने समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ दिया। लोकसभा चुनाव 2019 में बुरी तरह से हारने वाले भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ ने समाजवादी गढ़ को भेद दिया। धर्मेंद्र यादव चुनाव हार गए। इस बार एक बार फिर आजमगढ़ का रण भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ और धर्मेंद्र यादव के बीच सजा है। निरहुआ के पक्ष में पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ तक प्रचार मैदान में उतर चुके हैं। वहीं, धर्मेंद्र के लिए अखिलेश यादव, शिवपाल यादव से लेकर डिंपल यादव तक ने प्रचार किया। वहीं, बसपा भी मुकाबले का त्रिकोणीय बनाने के फेर में लगी है। हालांकि, यहां इस बार भी सीधी लड़ाई सपा के सैफई परिवार और भाजपा के अदाकार के बीच ही है। आजमगढ़ की राजनीति सीधे तौर पर जाति और भावनाओं के समीकरण पर साधी जाती रही है। चुनावी प्रचार मैदान में यह खूब देखने को मिला।
आजमगढ़ में जातीय समीकरण से सधती राजनीति
आजमगढ़ लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण के सहारे ही राजनीति सधती रही है। करीब 18.60 लाख वोटर्स वाली इस लोकसभा सीट पर मुस्लिम और यादव वोट बैंक की आबादी 6 लाख से ऊपर है। वहीं, करीब 3 लाख दलित बिरादरी के वोटर भी इस क्षेत्र में निवास करते हैं। सामाजिक गणित का असर चुनावी नतीजों पर भी साफ दिखता है। 1962 में एकल प्रतिनिधि वाली सीट के रूप में अस्तित्व में आने के बाद से हुए 18 चुनावों में 17 बार यहां से यादव और मुस्लिम उम्मीदवार ही चुनकर संसद तक पहुंचे हैं। इसमें भी 14 बार यादवों ने इस सीट पर जीत का परचम लहराया है। इस बार भी मुख्य मुकाबला दो यादव उम्मीदवारों के बीच ही है। आजमगढ़ को मुलायम और अखिलेश के गढ़ के रूप में देखा जाता रहा है। हालांकि, मुलायम और अखिलेश के यहां से उम्मीदवार न होने की स्थिति में लोग अपना मन भी बदलते रहे हैं।
आजमगढ़ में कब कौन जीता?
आजमगढ़ लोकसभा सीट 1957 में एकल संसदीय सीट के रूप में सामने आया। इसके बाद 1957 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के कालिका सिंह ने यहां से जीत दर्ज की। इससे पहले हुए 1952 के चुनाव में कांग्रेस के अगलू राय शास्त्री को इस सीट पर जीत मिली थी। 1962 के चुनाव में कांग्रेस के ही टिकट पर राम हरख यादव सफलता हासिल की। वहीं, 1967 में कांग्रेस के टिकट पर चंद्रजीत यादव विजयी हुए। 1971 में एक बार फिर कांग्रेस के चंद्रजीत यादव यहां से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए। इमरजेंसी के बाद हुए लोकसभा चुनाव 1977 में भारतीय लोक दल के राम नरेश यादव को यहां से जीत मिली। लोकसभा चुनाव 1980 में आजमगढ़ से जनता पार्टी सेकुलर के टिकट चंद्रजीत यादव तीसरी बार विजेता बने। 1984 में यह सीट कांग्रेस के पास वापस आई। पार्टी के उम्मीदवार संतोष कुमार सिंह ने जीत दर्ज कर लोकसभा तक का सफर तय किया।
1989 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट पर पहली बार खाता खोला। पार्टी उम्मीदवार रामकृष्ण यादव विजेता बने। लोकसभा चुनाव 1991 में आजमगढ़ से जनता दल के चंद्रजीत यादव को जीत मिली। 1996 के लोकसभा चुनाव में पहली बार इस सीट पर समाजवादी पार्टी का खाता खुला। सपा उम्मीदवार रमाकांत यादव यहां से जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की। 1998 के लोकसभा चुनाव में सपा के रमाकांत यादव को बहुजन समाज पार्टी के अकबर अहमद डंपी ने मात दे दी। आजमगढ़ में बसपा की यह दूसरी सफलता थी। हालांकि, 1999 के लोकसभा चुनाव में रमाकांत यादव ने एक बार फिर जीत दर्ज कर बसपा के अकबर अहमद डंपी से यह सीट वापस ले ली।
लोकसभा चुनाव 2004 में रमाकांत यादव ने पाला बदला। बहुजन समाज पार्टी में चले गए। रमाकांत यादव ने सपा के दुर्गा प्रसाद यादव को हराकर यहां से जीत दर्ज की। इसी तरह 2009 के लोकसभा चुनाव में भी रमाकांत यादव ने एक बार फिर पाला बदलते हुए भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। इस चुनाव में उन्होंने बसपा के अकबर अहमद डंपी को हराकर पहली बार आजमगढ़ में कमल खिलाया। 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने इस सीट पर पार्टी के 10 साल के सूखे को खत्म किया। समाजवादी पार्टी जीत दर्ज करने में कामयाब रही।
मुलायम सिंह यादव ने 2014 के मोदी लहर में भी भाजपा के रमाकांत यादव को मात देने में कामयाबी हासिल की। समाजवादी पार्टी का झंडा आजमगढ़ में बुलंद किया। लोकसभा चुनाव 2019 में अखिलेश यादव इस सीट से चुनावी मैदान में उतरे। उन्होंने भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ को बड़े अंतर से हराया। यूपी चुनाव 2022 में अखिलेश यादव के विधायक बनने के बाद 2022 में लोकसभा उप चुनाव हुआ। इसमें दिनेश लाल यादव निरहुआ ने सपा के धर्मेंद्र यादव को हराकर दूसरी बार आजमगढ़ में कमल खिलाया।
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ लोकसभा चुनाव परिणाम: 2022 में चला निरहुआ का जादू
यूपी चुनाव 2022 में अखिलेश यादव ने मैनपुरी के करहल सीट से जीत दर्ज की। इसके साथ ही उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अखिलेश ने लखनऊ में रहकर भाजपा सरकार के मुकाबले की घोषणा की। हालांकि, आजमगढ़ लोकसभा सीट छोड़ने से लोगों का आक्रोश भड़का। सपा के टिकट पर उतरे धर्मेंद्र यादव को हराकर लोगों ने अपना गुस्सा दिखा दिया।
भाजपा के टिकट पर उतरे भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ यहां से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। हालांकि, उनकी जीत में गुड्डू जमाली के वोटों की बड़ी भूमिका रही। भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ उप चुनाव में 3,12,768 वोट हासिल करने में कामयाब रहे। वहीं, सपा के धर्मेंद्र यादव को 3,04,089 वोट मिले। इस प्रकार निरहुआ महज 8,679 वोटों के अंतर से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। इस चुनाव में बसपा के टिकट पर उतरे शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने 2,66,210 वोट हासिल कर खेल कर दिया। चौथे स्थान पर नोटा रही। नोटा के खाते में 5,369 वोट आए।
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ लोकसभा चुनाव परिणाम: 2019 में अखिलेश ने रोका रथ
2019 में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में मोदी-योगी लहर को रोक दिया। इस सीट पर भाजपा के समीकरण फेल हो गए। अखिलेश यादव ने भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ को मात दे दी। अखिलेश यादव इस चुनाव में कुल वोट का 60.4 फीसदी हासिल करने में कामयाब रहे। सपा-बसपा गठबंधन के तहत सपा के टिकट पर उतरे अखिलेश यादव को 6,21,578 वोट मिले। वहीं, भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ 3,61,704 वोट हासिल करने में कामयाब हो पाए। इस प्रकार अखिलेश ने यह सीट 2,59,874 वोटों के अंतर से अपने नाम की। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अभिमन्यु सिंह 10,078 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। मुकाबला इस कदर दोतरफा कि चौथे स्थान पर नोटा 7,255 वोटों के साथ रही।
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ लोकसभा चुनाव परिणाम: 2014 में मोदी लहर में भी जीते मुलायम
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने इस सीट पर मोदी लहर के बाद भी लोकसभा चुनाव 2014 में साइकिल दौड़ाई। भाजपा की जीती सीट को भी वापस पाने में पार्टी को कामयाबी नही मिल पाई। सपा उम्मीदवार के तौर पर उतरे मुलायम सिंह यादव को 3,40,306 वोट मिले। वहीं, भाजपा के टिकट पर उतरे पूर्व सांसद रमाकांत यादव को 2,77,102 वोट मिला। इस प्रकार मुलायम महज 63,204 के अंतर से ही जीत दर्ज कर पाए। चुनाव में बसपा ने बड़ा खेल किया। बसपा उम्मीदवार शाह आलम उर्फ गुड्डु जमाली 2,66,528 वोट हासिल करने में कामयाब हो गए। इस प्रकार उन्होंने मुलायम और रमाकांत के बीच जीत-हार के अंतर को काफी कम कर दिया था। इस चुनाव में कांग्रेस के अरविन्द कुमार जयसवाल 17,950 वोटों के साथ चौथे और राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के एम. आमिर रशादी 13,271 वोटों के साथ पांचवें स्थान पर रहे।
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ लोकसभा चुनाव परिणाम: 2009 में रमाकांत ने खिलाया कमल
उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ लोकसभा सीट पर कमल खिलाने का श्रेय रमाकांत यादव को जाता है। समाजवादी पार्टी से बहुजन समाज पार्टी होते हुए भाजपा तक पहुंचे रमाकांत यादव ने लगातार दूसरी बार सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की। इस चुनाव में भाजपा के रमाकांत यादव को 2,47,648 वोट मिले।
उन्होंने 49,039 वोटों के अंतर से इस सीट पर जीत दर्ज कर ली। बसपा के अकबर अहमद डंपी दूसरे स्थान पर रहे। उन्हें चुनाव में 1,98,609 वोट ही मिल सका। समाजवादी पार्टी के दुर्गा प्रसाद यादव 1,23,844 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। निर्दलीय डॉ. जावेद अख्तर को 59,270 वोटों के साथ चौथे और कांग्रेस के संतोष कुमार सिंह 31,159 वोटों के साथ पांचवें स्थान पर रहे थे।
आजमगढ़ विधानसभा चुनाव रिजल्ट 2022: पांचों सीटों पर सपा का है कब्जा
आजमगढ़ लोकसभा सीट की पांचों विधानसभा सीट पर अभी समाजवादी पार्टी का कब्जा है। यूपी चुनाव 2022 के दौरान आजमगढ़ ने खुलकर सपा का साथ दिया। हालांकि, अखिलेश के सीट छोड़ने के बाद लोगों के बीच अलग चर्चा शुरू हो गई। आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र के दायरे में गोपालपुर, सगड़ी, मुबारकपुर, आजमगढ़ और मेहनगर विधानसभा सीटें आती हैं। गोपालपुर विधानसभा सीट से नफीस अहमद, सगड़ी विधानसभा सीट से हृदय नारायण पटेल, मुबारकपुर सीट से अखिलेश यादव आजमगढ़ सीट से दुर्गा प्रसाद यादव और मेहनगर विधानसभा सीट से पूजा सरोज इस समय विधायक हैं।
आजमगढ़ में सपा ने की है समीकरण बनाने की कोशिश
आजमगढ़ लोकसभ सीट पर जीत का गणित तैयार करने की कोशिश लगातार समाजवादी पार्टी की ओर से की जा रही है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस सीट पर समीकरण को पार्टी के पक्ष में करने के लिए वोटरों को मनाने का प्रयास किया है। पिछले दिनों बहुजन समाज पार्टी के बड़े नेता के तौर पर उभर रहे शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी में शामिल कराया।
उन्हें विधान परिषद भेजा गया है। ऐसे में लोकसभा चुनाव का गणित अपने पक्ष में करने की कोशिश लगातार समाजवादी पार्टी की ओर से की गई। भारतीय जनता पार्टी दिनेश लाल यादव निरहुआ पर भरोसा जता रही है। आजमगढ़ में मजबूत पकड़ रखने वाली बसपा इस बार उम्मीदवारों के बदलावों को लेकर चर्चा में रही। पहले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को प्रत्याशी बनाया गया। इसके बाद सबीहा अंसारी को टिकट दिया गया। आखिर में राजनीतिक समीकरण को देखते हुए उनके पति मशहूद अहमद को बसपा का उम्मीदवार बनाया गया। क्षेत्र में इसकी खूब चर्चा रही।