तिरूवनन्तपुरम। सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद से ही तनाव फैला हुआ है। वहीं आज भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए पहुंच रही महिलाओं को रास्ते में ही रोका जा रहा है। सबरीमाला मंदिर विवाद एकतरफ केरल सरकार जहां सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ खड़ी है, वहीं बड़ी संख्या में संगठन व लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे हैं। सबरीमाला मंदिर में रजस्वला लड़कियों और महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने के बाद मंदिर जाने के मुख्य रास्ते निलक्कल में बुधवार की सुबह माहौल तनावपूर्ण हो गया।
निलक्कल और पंबा में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति का विरोध कर रहे त्रावणकोर देवासम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सहित 50 लोगों को हिरासत में लिया गया। सबरीमाला पहाड़ी से करीब 20 किलोमीटर दूर निलक्कल में बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे समूह ‘सबरीमाला आचार संरक्षण समिति’ के तंबू आदि भी हटा दिए हैं।
यप्पा स्वामी मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कुछ श्रद्धालु धरना दे रहे हैं और अयप्पा मंत्र का जाप कर रहे हैं। बुधवार तड़के जब प्रदर्शनकारियों ने मंदिर तक जाने के मुख्य रास्ते पर बसों को रोकने का प्रयास किया तो पुलिस को उनके खिलाफ बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस की कार्रवाई शुरू होते ही वहां बेहद कम संख्या में मौजूद प्रदर्शनकारी भाग निकले। मासिक पूजा के लिए मंदिर खुलने से कुछ घंटे पहले पुलिस ने कहा कि वह किसी को भी लोगों के आने-जाने में अवरोध पैदा नहीं करने देगी। निलक्कल का पूर्ण नियंत्रण अपने हाथों में लेते हुए पुलिस ने अयप्पा मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के रास्ते में अवरोध पैदा करने वालों को चेतावनी दी।
प्रदर्शनकारियों में कुछ ने पम्बा जाने वाले वाहनों को जांचा और उनमें सवार 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर जाने से रोक दिया, इस पर पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की। सबरीमाला आचार संरक्षण समिति के कार्यकर्ताओं ने सोमवार की रात तमिलनाडु से पम्बा जा रहे 45 और 40 वर्ष आयु के दंपति को केएसआरटीसी के बस से कथित रूप से उतरने को बाध्य कर दिया था। हालांकि, दंपति का कहना है कि वह सिर्फ पम्बा तक जाएंगे और सबरीमाला पहाड़ी पर नहीं चढ़ेंगे। बाद में पुलिस उन्हें सुरक्षित ले गई। निलक्कल में मौजूद सबरीमाला आचार संरक्षण समिति के कुछ कार्यकर्ताओं ने मीडियाकर्मियों को भी कथित रूप से उनका काम करने से रोका था।
वहीं, कांग्रेस के नेता भी निलाक्कल में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच खबर आ रही है कि भगवान अय्यप्पा के दर्शन करने आ रही एक महिला माधवी भारी विरोध के बाद अपने परिवार सहित बीच रास्ते से ही वापस लौट गई है। वहीं, इस मामले पर भाजपा नेता उदित राज का कहना है, ‘दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ है और यह काफी दिलचस्प भी है। ‘मुझे गुलाम बनाओ, मेरे साथ असमान रूप से व्यवहार करो, हम पुरुषों से कम हैं’, महिलाएं ही महिलाओं को रोक रही हैं। इसमें क्या बात है? मुझे नहीं पता कि इस देश में क्या हो रहा है।’ हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह उनकी निजी राय है, राजनीतिक नहीं।
प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस द्वारा हल्का बल प्रयोग भी किया गया है, जिससे मंदिर जाने के मुख्य रास्ते निलाक्कल में बुधवार की सुबह माहौल तनावपूर्ण हो गया। सबरीमाला पहाड़ी से करीब 20 किलोमीटर दूर निलाक्कल में बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे समूह ‘सबरीमाला आचार संरक्षण समिति’ के तंबू आदि भी हटा दिए हैं।
प्रदर्शनकारियों में से कुछ ने पम्बा जाने वाले वाहनों को जांचा और उनमें सवार 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर जाने से रोक दिया, इस पर पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की। सबरीमाला आचार संरक्षण समिति के कार्यकर्ताओं ने सोमवार की रात तमिलनाडु से पम्बा जा रहे 45 और 40 वर्ष आयु के दंपति को केएसआरटीसी के बस से कथित रूप से उतरने को बाध्य कर दिया था।