नई दिल्ली। बाजार में एक महत्वपूर्ण निकट अवधि का रुझान पिछले आठ कारोबारी सत्रों के दौरान एफआईआई द्वारा 10,437 करोड़ रुपये की निरंतर बिक्री है, जो इसी अवधि में डीआईआई द्वारा 10,860 करोड़ रुपये की निरंतर खरीद से मेल खाती है। यह बात जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कही।
उन्होंने कहा, यह समझना महत्वपूर्ण है कि जहां एफआईआई गतिविधि डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बांड पैदावार जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित होती है, वहीं डीआईआई गतिविधि मुख्य रूप से जीडीपी वृद्धि और कॉर्पोरेट आय जैसे घरेलू कारकों से निर्धारित होती है।
निकट अवधि में अमेरिका में 10-वर्षीय बांड की पैदावार में 4 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी ने एफआईआई द्वारा बिकवाली शुरू कर दी है, जो शायद कुछ पैसा अमेरिकी बांड में स्थानांतरित कर रहे हैं।
घरेलू बाजार का ढांचा लचीला बना हुआ है। उन्होंने कहा कि गुरुवार के यूएस सीपीआई मुद्रास्फीति प्रिंट पर बाजार की उत्सुकता से नजर रहेगी।
मंगलवार सुबह के कारोबार में सेंसेक्स 71 अंक गिरकर 65,881 अंक पर है।
पावरग्रिड और एमएंडएम 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ शीर्ष पर हैं। सन फार्मा, एनटीपीसी, जेएसडब्ल्यू स्टील में 1 फीसदी से ज्यादा की गिरावट है।
(आईएएनएस)