आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के तीसरे चरण में इन्फ्रास्ट्रक्चर और कृषि पर ध्यान दे सकतीं है निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली। 20 लाख करोड़ रुपए के ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ पैकेज का आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तीसरा ब्रेकअप देंगी। सीएनबीसी टीवी-18 की रिपोर्ट के मुताबिक, आज होने वाली प्रमुख घोषणाएं में वित्त मंत्री का फोकस ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’, एलटीजीसी, डीडीटी कर कटौती और इन्फ्रास्ट्रक्चर और कृषि पर हो सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत गुरुवार को लगातार दूसरे दिन राहत पैकेज का ब्रेकअप बताया। उन्होंने कुल 9 घोषणाएं कीं। इनमें से 3 घोषणाएं प्रवासी मजदूर, 2 छोटे किसानों और एक-एक घोषणा मुद्रा लोन, स्ट्रीट वेंडर्स, हाउसिंग और आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार से जुड़ी थीं।

1. 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को अगले दो महीने तक मुफ्त राशन।
2. अगले तीन महीने में एक देश-एक राशन कार्ड।
3. प्रवासी मजदूरों को कम किराए के मकान मिलेंगे
4. मुद्रा लोन लेने वालों को राहत।
5. 6 लाख से 18 लाख की सालाना आमदनी वालों को हाउसिंग लोन पर सब्सिडी।
6. 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स के लिए 5 हजार करोड़ रुपए।
7. 2.5 करोड़ किसानों के लिए 2 लाख करोड़।
8. किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की मदद।
9. आदिवासियों के रोजगार के लिए।

किसानों का क्या मिला?

  • 3 करोड़ किसानों के लिए 4 लाख 22 हजार करोड़ का कृषि ऋण पहले ही दिए जा चुके हैं।
  • 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड की मंजूरी दी है, जिस पर ऋण की लिमिट 25 हजार करोड़ रुपए होगी।
  • गांव में कॉपरेटिव बैंक रूरल और रीजनल बैंक रूरल को मार्च 2020 में नाबार्ड ने 29 हजार 500 करोड़ रुपए के रिफाइनेंस का प्रावधान किया है।
  • ग्रामीण क्षेत्र में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 4,200 करोड़ रुपए का सहयोग रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के माध्यम से राज्यों को मार्च में राशि उपलब्ध कराई गई।

आइए नजर डालते हैं वित्त मंत्री की अब तक की बड़ी घोषणाओं पर

गुरुवार के बड़े ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को 2.5 करोड़ किसानों को रियायती दर पर 2 लाख करोड़ रुपए का ऋण देने का ऐलान किया। इसके अलावा छोटे और सीमांत किसानों को लाभ देने के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त सुविधा देने की बात कही।

मिडिल क्लास के लिए 
मिडिल क्लास और हाउजिंग सेक्टर को राहत देते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले लोन सब्सिडी योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। 6-18 लाख रुपए की वार्षिक आमदनी वाले लोग इसका फायदा ले पाएंगे। इसके लिए 70 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

रेहड़ी पटरी वालों को 10 हजार तक लोन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रेहड़ी, पटरी, फेरीवालों के लिए सरकार एक महीने में ऋण योजना लाएगी। इसके तहत 50 लाख फेरीवालों को 5 हजार करोड़ रुपए की ऋण सहायता दी जाएगी। ये आसानी से 10 हजार रुपए तक का ऋण ले सकते हैं। ताकी लॉकडाउन खत्म होने के बाद वे अपना काम दोबारा शुरू कर सकें। मोबाइल से पेमेंट करने वाले ऐसे फेरीवालों को प्रोत्साहन दिया जाएगा और आने वाले समय में उन्हें अतिरिक्त लोन मिल सकेगा।

मुद्रा शिशु लोन योजना में ब्याज राहत
मुद्रा शिशु लोन योजना के तहत 1500 करोड़ रुपए की ब्याज राहत दी जाएगी। एक लाख 62 हजार करोड़ रुपए इसके तहत दिए गए हैं। इससे 3 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा।

शहरी गरीबों को सस्ते किराये पर घर
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों के लिए रेंटल हाउसिंग स्कीम लाएगी। पीपीपी मॉडल पर किराये पर रहने के लिए घर बनाएं जाएंगे, जिनमें वे कम किराए में रह सकते हैं। ताकि वे कम किराया खर्च करके शहर में रह सकें। जो उद्योगपति अपनी जमीन पर ऐसे घर बनाएंगे उन्हें प्रोत्साहन दिया जाएगा। राज्य सरकारों के साथ मिलकर भी इस काम को किया जाएगा।

मजदूरों को मुफ्त राशन
अगले दो महीने तक सभी प्रवासी मजदूरों को बिना कार्ड के ही 5 किलो प्रति व्यक्ति गेहूं या चावल और एक किलो चना प्रति परिवार देगी। इससे करीब 8 करोड़ प्रवासियों को फायदा होगा। इस पर करीब 3500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी।

वित्त मंत्री के बुधवार को बड़े ऐलान 
1. इस अभियान के तहत एमएसएमई के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का कोलेट्रल फ्री ऋण देने का प्रावधान किया गया है। यह ऋण चार वर्ष के लिए होगी और पहले एक वर्ष मूलधन का भुगतान नहीं करना होगा। इसके तहत 100 करोड़ रुपए के कारोबार वाले एमएसएमई को 25 करोड़ रुपए तक का ऋण मिलेगा। बैंकों और एनबीएफसी के लिए शतप्रतिशत गारंटी कवर मिलेगा। यह योजना 31 अक्टूबर 2020 तक उपलब्ध होगी।

2. इसके साथ ही एमएसएमई के परिभाषा में बदलाव किया गया है। एमएसएमई की नई परिभाषा में माइक्रो उद्यम में एक करोड़ रुपए तक का निवेश किया जा सकेगा और इसके कारोबार की सीमा पांच करोड़ रुपए होगी। इसी तरह से लघु उद्यम में 10 करोड़ रुपए का निवेश किया जा सकेगा और इसका कुल वार्षिक कारोबार 50 करोड़ रुपए का होगा। मध्यम उद्यम में 20 करोड़ रुपए तक निवेश होगा और इसका कुल कारोबार 100 करोड़ रुपए तक का होगा।

3. तनावग्रस्त एमएसएमई की मदद के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे ऐसे एमएसएमई को लाभ होगा जो एनपीए या नतावग्रस्त है। इससे दो लाख से अधिक एमएसएमई को लाभ होगा। एमएसएमई में 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जायेगा जो बेहतर कारोबार कर रहे हैं। उनके लिए 10 हजार करोड़ रुपए का फंड ऑफ फंड की स्थापना की जायेगी। इससे एमएसएमई को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने में मदद मिलेगी।

4. 31 जुलाई 2020 और 31 अक्टूबर 2020 तक भरे जाने वाले सभी आयकर रिटर्न की अवधि 30 नंवबर 2020 तक बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही 30 सितंबर तक भरे जाने वोल कर आडिट रिपोर्ट की अवधि भी 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है।

5. पांच लाख रुपए तक के सभी लंबित रिफंड जारी किय जा रहे हैं। अब तक 14 लाख से अधिक रिफंड जारी किय जा चुके है। 30 सितंबर तक की आंकलन तिथि को बढ़ाकर 31 दिसेबर 2020 और 31 मार्च 2021 तक की तिथि को बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 कर दिया गया है।

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