आधे से ज्यादा भारतीय स्टाफ की छंटनी करेगी चीनी कार कंपनी हुवावे

बीजिंग। पिछले महीने लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ सीमा विवाद के बाद से देश में चीनी सामान और कंपनियों के बॉयकॉट की मुहिम चल रही है। इसी दौरान भारत सरकार ने चीन के 59 ऐप्स पर भी पाबंदी समेत कई कंपनियों के टेंडर निरस्त कर दिए हैं। इससे चीनी कंपनियों की भारत में भविष्य में कारोबार करने की आस टूट गई है। मौजूदा माहौल को देखते हुए चीनी टेलीकॉम कंपनी हुवावे टेक्नोलॉजी ने भारत से होने वाली कमाई का लक्ष्य घटा दिया है। साथ ही कंपनी ने अपने आधे से ज्यादा भारतीय स्टाफ की छंटनी करने का फैसला किया है।

अब 500 मिलियन डॉलर का लक्ष्य तय किया

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हुवावे ने 2020 में रेवेन्यू लक्ष्य बदलकर 300 से 500 मिलियन डॉलर कर दिया है। पहले कंपनी ने 700 से 800 मिलियन डॉलर का रेवेन्यू जुटाने का लक्ष्य तय किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने 60 से 70 फीसदी भारतीय स्टाफ की छंटनी करने का फैसला किया है। इस मामले के वाकिफ सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ग्लोबल सर्विस सेंटर में रिसर्च एंड डवलपमेंट विंग में तैनात कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी।

सरकारी टेलीकॉम कंपनियों को दिए नए निर्देश

यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब गलवान घाटी में चीन के साथ सीमा विवाद में 20 भारतीय सैनिकों की मौत के बाद देश में चीन विरोधी सेंटीमेंट बना हुआ है। भारत सरकार ने सभी सरकारी टेलीकॉम कंपनियों से अपने 4जी नेटवर्क विस्तार में चीन के उत्पादों के बजाए घरेलू उत्पाद इस्तेमाल करने के लिए कहा है। हालांकि, इस रिपोर्ट को लेकर हुवावे ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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