इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि उनकी सरकार इजराइल को मान्यता नहीं देगी। कुरैशी के मुताबिक, पाकिस्तान के लिए फिलिस्तीन का मसला सबसे अहम है। पहले इसे सुलझाना होगा। दूसरी तरफ, सऊदी अरब के कर्ज की दो किस्तें चुकाने के बाद इमरान खान ने यहां के राजदूत से मुलाकात की। मुलाकात के बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई।
UAE से खाली हाथ लौटे थे कुरैशी
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी पिछले हफ्ते UAE दौरे पर गए थे। UAE ने दो महीने पहले पाकिस्तानी नागरिकों को किसी भी तरह के वीजा जारी करने पर रोक लगा दी थी। वो इजराइल को भी मान्यता दे चुका है।
माना जा रहा है कि कुरैशी यूएई से यह अपील करने गए थे कि वो पाकिस्तानी नागरिकों पर लगे वीजा बैन को रद्द कर दे। लेकिन, यूएई सरकार ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि UAE और सऊदी अरब पाकिस्तान पर इजराइल को मान्यता देने का दबाव डाल रहे हैं।
इजराइल पर अड़ा पाकिस्तान
मुल्तान में मीडिया से बातचीत के दौरान सोमवार शाम कुरैशी ने कहा- मैंने यूएई सरकार को साफ कर दिया है कि जब तक फिलिस्तीन का मुद्दा हल नहीं हो जाता, तब तक हम इजराइल को मान्यता नहीं देंगे। इजराइल और फिलिस्तीन को लेकर हमारी जो पॉलिसी है, हम उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं करेंगे।
प्रधानमंत्री की बात ही काट दी
इमरान ने पिछले दिनों साफ तौर पर कहा था कि इजराइल को मान्यता देने के लिए उन पर अमेरिका के अलावा एक और देश का दबाव है। लेकिन, कुरैशी ने अपने प्रधानमंत्री के बयान को ही खारिज कर दिया। कहा- इजराइल मामले में हम पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है।
इमरान से मिले सऊदी राजदूत
सऊदी अरब पाकिस्तान पर कर्ज वापसी के लिए लगातार दबाव बना रहा है। हालात यह हैं कि इमरान सरकार ने दो बार में दो अरब डॉलर चीन से उधार लिए और सऊदी के कर्ज की दो किस्तें चुकाईं। तीसरी किस्त जनवरी में दी जानी है। इस बीच, सऊदी एम्बेसेडर सोमवार को इमरान से मिलने पहुंचे।
बाद में प्रधानमंत्री ने एक औपचारिक बयान जारी किया। कहा- दोनों देश आपसी मुद्दे सुलझाना चाहते हैं। ‘द डॉन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब सरकार पाकिस्तान पर दबाव डाल रही है कि वो ईरान और तुर्की से करीब रिश्ते बनाना बंद करे। इसके अलावा वो इजराइल को मान्यता देने का दबाव भी डाल रही है।