नई दिल्ली। इजरायल और हमास के बीच जंग पिछले कई दिनों से जारी है। जंग के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बुधवार को तेल अवीव पहुंचे। बाइडेन का यह दौरा गाजा के एक अस्पताल पर मंगलवार को बमबारी के एक दिन बाद हुआ। इजरायल और हमास के बीच जारी जंग को लेकर दुनिया के कई देश बंटे हुए हैं। कई देशों के भीतर भी इसको लेकर अलग-अलग राय है। इजरायल और हमास के जंग के बीच सी वोटर की ओर से एक सर्वे किया गया। इस सर्वे में अधिकांश ने इजरायल की कार्रवाई का समर्थन किया तो वहीं कई लोगों ने फिलिस्तीन का समर्थन भी किया है।
इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष पर सीवोटर द्वारा किए गए एक एक्सक्लूसिव सर्वे से भारत में इजरायल के लिए बढ़ते समर्थन का पता चलता है। भारत ने सार्वजनिक रूप से फिलिस्तीनियों के लिए एक स्वतंत्र मातृभूमि के मुद्दे का समर्थन किया है और यह आधिकारिक नीति बनी हुई है। जब पूछा गया कि भारत को किसका समर्थन करना चाहिए, तो लगभग 42 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इजराइल का समर्थन देने पर अपनी बात रखी।
वहीं 17 प्रतिशत का कहना है कि भारत को पूरी तरह से फिलिस्तीन का समर्थन करना चाहिए। जब उनसे उनके व्यक्तिगत समर्थन के बारे में पूछा गया, तो लगभग बहुमत (48 प्रतिशत) इजराइल के पक्ष में था जबकि एक चौथाई से भी कम फिलिस्तीन के पक्ष में था।
इसके अलावा, उत्तरदाताओं का एक बहुमत (50.3 प्रतिशत) फिलिस्तीन में हमास के ठिकानों पर बमबारी करने की इजरायली कार्रवाई का समर्थन करता है, जबकि एक तिहाई से अधिक कार्रवाई का विरोध करते हैं। इसके अलावा, उनसे पूछा गया कि अगर भारत इजराइल का समर्थन करता है तो वे क्या करेंगे, तो 54 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे इस कदम का समर्थन करेंगे, जबकि आधे अनुपात (27 प्रतिशत) ने कहा कि वे इसका विरोध करेंगे।
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष ने 7 अक्टूबर को भयानक रूप ले लिया, जब हमास आतंकवादियों ने गाजा सीमा के पास एक म्यूजिक फेस्टिवल और इजराइली इलाकों पर हमला किया।