इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा में बुधवार देर रात वैशाली एक्सप्रेस के एक कोच में आग लग गई। हादसे में 19 यात्री घायल हुए हैं। इनमें 11 की हालत गंभीर है। हादसा रात 2.30 बजे हुआ। उस वक्त ज्यादातर यात्री सो रहे थे। कोच में आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। भगदड़ के बीच यात्रियों ने ट्रेन से कूदकर जान बचाई। ट्रेन दिल्ली से बिहार के सहरसा जा रही थी।
इटावा में 12 घंटे से कम वक्त में ट्रेन में आग लगने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले बुधवार शाम 6 बजे नई दिल्ली-दरभंगा एक्सप्रेस (02570) के स्लीपर कोच S-1 में आग लगी थी। यह हादसा सराय भूपत रेलवे स्टेशन के पास हुआ था। दोनों स्टेशनों के बीच की दूरी 6-7 किमी है। आग कैसे लगी यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। CO GRP ने बताया कि जांच के बाद ही इसका पता चल पाएगा।
बाथरूम के पास धुंआ उठा, पूरी बोगी में फैल गया
वैशाली एक्सप्रेस (12554) के स्लीपर कोच S-6 में लगी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इटावा में फ्रेंड्स कॉलोनी रेलवे फाटक के पास यात्रियों ने बाथरूम के पास से धुआं उठता देखा। कुछ ही देर में पूरी बोगी में धुआं भर गया। कोई कुछ समझ ही नहीं पाया कि क्या हुआ। कोच में अफरा-तफरी मच गई। यात्री नींद से जागे तो उनका दम घुटने लगा। भगदड़ के कारण लोग बेहोश होकर गिरने लगे।
जब ट्रेन में आग लगी, उस समय इटावा स्टेशन नजदीक था। ट्रेन की स्पीड भी करीब 25 किलोमीटर प्रति घंटे रही होगी। लोगों ने TTE को सूचना दी। इसके बाद ट्रेन को प्लेटफॉर्म के पहले ही आउटर पर रोका गया। इस दौरान मची भगदड़ के कारण कई यात्री घायल हो गए। जबकि दम घुटने के कारण कई की हालत गंभीर है। ज्यादातर लोग दम घुटने और भगदड़ के कारण घायल हुए हैं।
छठ के लिए बिहार जाने वाले यात्रियों से भरी थी ट्रेन
रविवार को छठ पूजा के कारण ट्रेन में बहुत भीड़ थी। जैसे ही कोच में आग लगने का पता चला तो यात्री घबरा गए। कोच के एक गेट के पास आग ज्यादा थी। ऐसे में सभी दूसरे गेट की तरफ भागने लगे। आपाधापी में एक दूसरे पर चढ़कर ट्रेन से बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। मौके पर पहुंची दमकल ने आग पर काबू पाया। एक घंटे से अधिक समय तक ट्रेन को रोकने के बाद रवाना किया गया।
गंभीर रूप से घायल 11 यात्री सैफई रेफर
सीओ जीआरपी उदय प्रताप सिंह ने बताया कि वैशाली एक्सप्रेस के पेंट्री कार के बगल वाले कोच में आग लगी थी। इसमें 19 यात्री घायल हैं। 11 यात्रियों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उन्हें हायर सेंटर के लिए सैफई रेफर किया गया है। वहीं, जिला अस्पताल के डॉक्टर राघवेंद्र ने बताया कि 8 घायलों का इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है। कुछ लोगों को बर्निंग हैं। कुछ को सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
अब पढ़िए यात्रियों ने घटना के बारे में क्या बताया…
“मैं बेहोश हो गई, आंख खुली तो अस्पताल में थी”
सरिता ने बताया, ‘मैं दिल्ली से समस्तीपुर जा रही थी। सो रही थी, तभी भगदड़ के कारण नींद खुली। पूरी बोगी में धुंआ भरा था। लोग इधर-उधर भाग रहे थे। धुआं से इतनी घुटन होने लगी की हम लोग सांस नहीं ले पा रहे थे। मैं बेहाश हो गई। कैसे बाहर आई पता नहीं चला। उठी तो खुद को अस्पताल में देखा। मेरा सारा सामान जल गया। कुछ भी नहीं बचा। मेरे साथ कोई नहीं था, बस किसी तरह जान बच गई।’
“RPF मुझे एंबुलेंस से अस्पताल लेकर आई”
राहुल ने बताया, ‘मैं दिल्ली से लखनऊ एग्जाम देने जा रहा था। पता नहीं अचानक कैसे आग लग गई। आधी रात को नींद खुली तो देखा पूरे कोच में धुंआ भरा था। मेरे साथ 10 लोग थे। भगदड़ में हम कोच से निकलने की कोशिश कर ही रहे थे कि दम घुटने से बेहोश हो गए। मुझे इतना जरूर याद है कि RPF के जवान मुझे एंबुलेंस से अस्पताल लेकर पहुंचे। मुझे ये नहीं पता कि मेरे साथियों का क्या हाल है। मुझे अभी भी सास लेने में दिक्कत हो रही है।’
“बेटी का रिश्ता देखने जा रहा था”
हाजीपुर के रहने वाले रामनाथ ने बताया, ‘रात का समय था। मैं सो रहा था। तभी मुझे यात्रियों ने जगाया और ट्रेन से बाहर भागने के लिए कहा। अफरा-तफरी मची थी। एक गेट की तरफ से धुंआ निकल रहा था। जबकि लोग दूसरे गेट की तरफ भाग रहे थे।’
‘मैं भी लोगों के साथ गेट की तरफ भागा। वहां लोग एक दूसरे पर चढ़कर ट्रेन से जल्दी से जल्दी निकलने की कोशिश कर रहे थे। मैं भी किसी तरह से बाहर गया। इस दौरान भीड़ की चपेट में आकर घायल हो गया। एंबुलेंस हमें अस्पताल लेकर आई है।’
‘बेटी की शादी के लिए रिश्ता देखने और छठ मनाना हाजीपुर जा रहा था। मेरे पास 22 हजार नकद थी, वो जल गया। कोई कपड़ा भी नहीं बचा। सभी सामान जल गया।’
कल इटावा में ही दरभंगा एक्सप्रेस में लगी थी आग
इटावा में बुधवार को नई दिल्ली-दरभंगा एक्सप्रेस (02570) में आग लग गई थी। ट्रेन का S-1 कोच पूरी तरह जल गया था। चलती ट्रेन में धुआं उठता देख यात्रियों में भगदड़ मच गई। उन्होंने कूदकर अपनी जान बचाई। हादसे में 8 यात्री घायल हुए, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
हादसा सराय भूपत रेलवे स्टेशन के पास शाम 6 बजे हुआ था। बताया जा रहा है कि उस समय ट्रेन की स्पीड 20 से 30 किमी प्रतिघंटा के बीच थी। छठ पर्व के कारण बोगी में क्षमता से दोगुने यात्री सवार थे। हादसे के बाद कानपुर-दिल्ली रेल मार्ग पर ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन बंद कर दी गई थी। 16 ट्रेनें प्रभावित हुई थीं।
मिनटों में पूरी ट्रेन खाली
इस ट्रेन से बड़ी संख्या में लोग छठ पूजा के लिए बिहार जा रहे थे। ट्रेन के S-1 कोच में धुआं उठता देख यात्रियों में अफरातफरी मच गई। ट्रेन के धीमा होते ही यात्रियों ने कूदकर अपनी जान बचाई। कुछ ही मिनटों में पूरी ट्रेन खाली हो गई। आग S-1 बोगी के पास वाले कोच तक भी पहुंच गई।