इमरान सरकार की मुश्किल: पाकिस्तान के FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की उम्मीद नहीं

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की उम्मीद ना के बराबर है। इसकी वजह यह है कि कुछ यूरोपीय देशों का मानना है कि इमरान सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ सभी कायदों को अब तक पूरी तरह लागू नहीं किया है। सोमवार से पेरिस में शुरू होने वाली वर्चुअल मीटिंग में पाकिस्तान समेत कई देशों को ग्रे लिस्ट से बाहर करने या उन्हें ब्लैक लिस्ट करने पर फैसला हो सकता है।

22 से 25 फरवरी तक पेरिस में बैठक होगी
पाकिस्तान के अखबार ‘डॉन’ की वेवसाइट के मुताबिक FATF का फुल सेशन 22 से 25 फरवरी तक पेरिस में चलेगा, जिसमें पाकिस्तान सहित ग्रे लिस्ट के विभिन्न देशों के मामलों पर चर्चा होगी और अंत में इस पर फैसला किया जाएगा। पिछले साल अक्टूबर में आयोजित मीटिंग में पाकिस्तान को फरवरी 2021 तक ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला किया गया था।

आतंकी संगठनों को अब भी फंडिंग
रिपोर्ट के मुताबिक FATF के पास इस बात की जानकारी है कि पाकिस्तान सरकार ने अब तक जेयूडी और जैश के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की है। ये दोनों ही संगठन पाकिस्तान की जमीन से बेखौफ काम कर रहे हैं। अमेरिका ने भी पिछले दिनों कहा था कि पाकिस्तान को आतंकी संगठनों को पनाहगाह के तौर पर इस्तेमाल होने से रोकना होगा। अमेरिका के लिए अफगानिस्तान में दिक्कतें पाकिस्तान की वजह से ही बढ़ रही हैं।

फिलहाल ग्रे लिस्ट में
पाकिस्तान तीन साल से ग्रे लिस्ट में है। जून 2018 में उसे इस लिस्ट में रखा गया था। FATF ने उसे 23 पॉइंट का एक प्रोग्राम भी सौंपा था। संगठन ने कहा था कि न सिर्फ इन शर्तों को पूरा करना है बल्कि इनके पूरा होने के पुख्ता सबूत भी देने होंगे। इसके लिए पाकिस्तान को दिसंबर 2019 तक का समय दिया गया था। बाद में कोरोना की वजह से इस डेडलाइन को बढ़ा दिया गया था।

चेतावनी भी दी थी
FATF के प्रेसिडेंट मार्कस प्लीयर ने पिछले साल अक्टूबर की रिव्यू मीटिंग में कहा था- पाकिस्तान की कार्रवाई में बेहद गंभीर खामियां सामने आई हैं। हम उसे एक मौका और दे रहे हैं। इस बारे में फरवरी में विचार किया जाएगा। हम चाहते हैं कि कार्रवाई से पहले वहां की सरकार को एक मौका और दिया जाए। इसके बाद तय किया जाएगा कि क्या एक्शन लिया जाए। हम हमेशा राहत नहीं दे सकते। रिपोर्ट के मुताबिक FATF के पास कुछ इंटेलिजेंस वीडियो फुटेज मौजूद हैं, इनसे पता लगता है कि जमात और जैश के आतंकी सरगना अब भी पाकिस्तान में खुलेआम काम कर रहे हैं। एक वीडियो अक्टूबर 2020 का है।

फंस जाएंगे इमरान
अगर पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में ही रहता या ब्लैक लिस्ट होता है तो दोनों हालात में इमरान खान मुश्किल में आ जाएंगे। खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को उनकी सरकार ठीक नहीं कर पाएगी और दुनिया का कोई भी संगठन उन्हें आर्थिक मदद नहीं दे सकेगा। घरेलू मोर्चे पर विपक्ष को उन्हें घेरने का एक मौका और मिल जाएगा। इमरान पहले से ही काफी दबाव में हैं और विपक्ष का आरोप है कि सिर्फ सेना की मदद की वजह से वे सरकार चला रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here