नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इलाज के अभाव में एक गर्भवती महिला की मौत के मामले पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गैरजिम्मेदार सरकार के नेतृत्व में प्रदेश का स्वास्थ्य तंत्र पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। अब भले सरकार जांच और कार्रवाइयों की बात करे लेकिन इस घटना को लेकर वह अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती। अगर सरकार ने पहले से ही स्पष्ट निर्देश दिए होते तो इस तरह महिला और उसके परिजनों को परेशान नहीं होना पड़ता और नन्ही जान भी दुनिया में होती।
प्रियंका गांधी ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार को नॉन कोविड बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को बहुत गंभीरता से लेना होगा। इस संदर्भ में किसी भी चूक के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। नोएडा में एक गर्भवती महिला के साथ हुआ जानलेवा हादसा एक चेतावनी है। यूपी में कई जगहों से इस तरह की खबरें आई हैं। सरकार को इसके लिए पूरी तैयारी करनी चाहिए ताकि किसी की जान न जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित होने के डर से किसी महिला की इलाज ना करना कैसे सही हो सकता है, उस पर महिला एक नन्ही जान को लिए दर-दर घूम रही थी। यह घटना मानवीय क्रूरता का स्पष्ट उदाहरण है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि जिस तरीके से वह गर्भवती महिला गौतमबुद्ध नगर के आठ अस्पतालों में गई, यह साफ दर्शाता है कि किस तरीके से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। सरकार से सीधा सवाल है कि और कितनी आहुति लेने के बाद सरकार जागेगी और लोगों के लिए सुविधाओं को सुनिश्चित करेगी।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के नोएडा में नौ महीने की एक गर्भवती महिला को लेकर उसका परिवार 13 घंटे तक अस्पतालों के चक्कर काटता रहा लेकिन सभी ने प्रसव के लिए उसे भर्ती करने से मना कर दिया और अंतत: उसकी मौत हो गई। इस मामले का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद संज्ञान लिया है और जांच के आदेश देते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।