इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं हिजाब, स्कूल-कॉलेज में छूट से HC का इनकार

बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर पाबंदी को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम में एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है। अदालत ने कहा कि स्कूल यूनिफॉर्म का लागू होना उचित प्रतिबंध है, जिस पर छात्र आपत्ति नहीं कर सकता है। मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने यह भी कहा कि सरकार के पास सरकारी आदेश जारी करने का अधिकार है और इसके अमान्य होने का कोई मामला नहीं बनता है।

9 फरवरी को गठित पीठ ने पिछले दो हफ्तों में दिन-प्रतिदिन के आधार पर हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। 10 फरवरी को उच्च न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश जारी किया जिसमें कहा गया था कि छात्राओं को सुनवाई के अंत तक कक्षाओं में कोई भी धार्मिक पोशाक नहीं पहननी चाहिए। 23 फरवरी को इसने आदेश को स्पष्ट किया और कहा कि यह सभी डिग्री और पीयू कॉलेजों में ड्रेस कोड पर लागू होता है।

HC के फैसले को SC में चुनौती देने की तैयारी
हिजाब विवाद में लड़कियों के वकील अनस तनवीर ने कर्नाटक हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। फैसले के तुरंत बाद उन्होंने ट्वीट करके कहा, “उडुपी में हिजाब मामले को लेकर अपने मुवक्किलों से मिला। हम जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में जा रहे हैं। ये लड़कियां हिजाब पहनने के अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए शिक्षा जारी रखेंगी। इन लड़कियों ने अदालतों और संविधान से उम्मीद नहीं खोई है।”

केंद्रीय मंत्री जोशी ने फैसले का स्वागत किया, बोले- शांति बनाकर रखें
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हिजाब विवाद पर हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “सभी लोगों से अपील करता हूं कि देश और राज्य को आगे बढ़ाएं। हम सबको शांति का माहौल बनाकर रखना है। छात्रों का मूलभूत काम अध्ययन और ज्ञान अर्जित करना है। सब लोग एक होकर पढ़ाई करें।”

उडुपी जिले के एक कॉलेज से शुरू हुआ विवाद
उडुपी के एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की कुछ छात्राओं की ओर से कक्षाओं में हिजाब पहनने देने की मांग से तब बड़ा विवाद खड़ा हो गया था, जब कुछ हिंदू विद्यार्थी भगवा शॉल पहनकर पहुंच गए। यह मुद्दा राज्य के अन्य हिस्सों में फैल गया जबकि सरकार यूनिफॉर्म संबंधी नियम पर अड़ी रही।

हाई कोर्ट के तीन न्यायधीशों की बेंच ने की सुनावाई
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जे एम काजी की पीठ उडुपी की लड़कियों की याचिका पर गठित की गई है। इन लड़कियों ने मांग की थी कि उन्हें कक्षाओं में स्कूली यूनिफॉर्म के साथ-साथ हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए, क्योंकि यह उनकी धार्मिक आस्था का हिस्सा है।

हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ लड़कियों ने किया प्रदर्शन
एक जनवरी को उडुपी के एक महाविद्यालय की छह लड़कियों ने कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) की ओर से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लिया था। इसका आयोजन कॉलेज प्रशासन की ओर से इन लड़कियों को हिजाब में कक्षाओं में जाने से रोके जाने के खिलाफ किया गया था।

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