नई दिल्ली. कोरोना का कहर कम होते-होते अचानक से फिर भयावाह होने लगा है. ब्रिटेन से भारत आयी फ्लाईट से दिल्ली पहुंचे छह यात्री कल कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. इन यात्रियों के आइसोलेशन के इंतजाम किये जा रहे थे लेकिन इसी बीच दो यात्री अचानक गायब हो गए. गायब यात्रियों की पड़ताल हुई तो पता चला कि एक यात्री आंध्र प्रदेश चला गया और दूसरा जालंधर.
भारत में पिछली बार भी कोरोना बढ़ने की असल वजह लापरवाही ही थी. अमेरिका में कोरोना बेकाबू हो रहा था लेकिन फ्लाइट्स पर रोक नहीं थी क्योंकि यूएस प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रम्प को भारत आना था.
ट्रम्प भारत दौरे पर आये और जहाँ-जहाँ गए वहां बेहिसाब भीड़ उमड़ी. खासकर गुजरात और नई दिल्ली. नतीजा सामने है. देश अभी तक खामियाजा भुगत रहा है.
अब ब्रिटेन में कोरोना का स्ट्रेन आया है तो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत में गणतंत्र दिवस परेड में बाहैसियत मुख्य अतिथि आमंत्रित हैं. ब्रिटेन में हाल यह है कि क्रिसमस के सारे कार्यक्रम निरस्त हो चुके हैं. लॉकडाउन पर सख्ती से अमल शुरू कर दिया गया है. प्रधानमंत्री खुद लोगों से बगैर ज़रूरत घर से निकलने से मना कर रहे हैं.
भारत सरकार ने हालांकि 22 दिसम्बर की रात से ब्रिटेन से उड़ानों की आवाजाही पर रोक लगा दी है लेकिन ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री के कार्यक्रम को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
प्रधानमंत्री भारत आयेंगे तो उनके साथ बड़ी संख्या में अधिकारी और सुरक्षाकर्मी भी आयेंगे. साथ में कोरोना नहीं आएगा इसकी क्या गारंटी है. यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत के अन्य विशिष्ट लोगों की सुरक्षा का भी सवाल है.
बहरहाल ब्रिटेन से भारत आये छह कोरोना पॉजिटिव में से एक आंध्र प्रदेश और दूसरा जालंधर पहुँच गया है. यह सुरक्षा की ऐसी चूक है जिसका खामियाजा उन सभी लोगों को भुगतना पड़ेगा जो रास्ते के सफ़र में इनके सम्पर्क में आये हैं.
कोरोना का नया स्ट्रेन ब्रिटेन में आया है लेकिन इसकी वजह से उपजा डर पूरी दुनिया में फैला हुआ है. भारत सरकार ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के लिए स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर लागू किया था, इसके बावजूद सुरक्षाकर्मियों से बड़ी चूक हो गई. पहले सिर्फ छह लोगों पर नज़र रखनी थी अब इन दो यात्रियों की लापरवाही की वजह से संख्या बहुत बड़ी हो गई है जिन पर नज़र रखनी होगी. नज़र रखने से पहले उन्हें तलाशना होगा.
एक अंग्रेज़ी अखबार के मुताबिक़ जालंधर और आंध्र प्रदेश पहुँच गए यात्रियों को तलाशकर दिल्ली वापस लाया गया है लेकिन जो लोग इनके सम्पर्क में आ चुके हैं उन्हें तलाशना बाकी है.
लुधियाना के अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर के मुताबिक़ अमृतसर के पंडोरी गाँव पहुंचे 46 वर्षीय संक्रमित को वापस दिल्ली भेज दिया गया है. यह व्यक्ति लुधियाना के एक अस्पताल में काम करने वाले अपने रिश्तेदार की मदद से पंजाब के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती होने में कामयाब भी हो गया था लेकिन दिल्ली से आये फोन के बाद अधिकारियों ने उसे ढूंढ निकाला और वापस दिल्ली भेज दिया.
आंध्र प्रदेश गए यात्री की तलाश अभी चल रही है. आश्चर्य की बात यह है कि दिल्ली से बगैर सूचना अमृतसर पहुंचकर फोर्टिस अस्पताल में भर्ती हो गए मरीज़ को दुबारा दिल्ली ले जाने की लापरवाही क्यों की गई यह भी बड़ा सवाल है. पहली लापरवाही मरीज़ ने दिल्ली से अमृतसर जाकर की और दूसरी लापरवाही उसे वापस दिल्ली ले जाने की हुई.
कोरोना से निबटना आसान हो सकता है बशर्ते संक्रमित व्यक्ति को यात्रा करने से रोक दिया जाए. फोर्टिस अस्पताल में भर्ती हो चुके मरीज़ से तो यह पूछताछ होनी चाहिए थी कि वह किस-किस के सम्पर्क में आया है. उन सभी की तलाश कर उन्हें क्वारंटाइन किया जाना चाहिए था. उन सब का कोरोना टेस्ट कराना चाहिए था.
ब्रिटेन में कोरोना की बेकाबू लहर आयी है तो वहां भी लोगों की आवाजाही रोकी जा रही है. भारत में भी इसी नीति को अपनाने की ज़रूरत है. त्योहारों पर सरकार रोक लगा रही है. क्रिसमस और नए साल के जश्न को रोकने की तैयारियां हो रही हैं. इसी तरह से चुनावी रैलियों को भी रोकने की ज़रूरत है. बंगाल रैली के बाद बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद इस दिशा में सोचना भी सबसे ज़रूरी मुद्दा है.