लखनऊ। राजधानी लखनऊ की कई विधानसभा सीटों पर इसबार प्रत्याशियों की हार जीत में पोस्टल बैलेट निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। चुनावी बयार को देखते हुए राजधानी में पोस्टल बैलेट के जरिए हुए रिकॉर्ड मतदान के मद्देनजर अब यह संभावना जोर पकड़ रही है। जानकार मानते कि इसबार दो प्रमुख पार्टियों में कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी। इतिहास गवाह है कि बीते तीन चुनावों में आधा दर्जन से अधिक विधानसभा सीटों पर मुकाबला बहुत नजदीकी रहा है।
2017 में मोहनलालगंज में 530 वोटों का था अंतर
मोहनलालगंज विधानसभा में 2017 विधानसभा में जीत का अंतर 530 वोटों का था। वहीं पूर्व विधानसभा क्षेत्र में 2007 में 613 व 2002 में 339 वोटों से ही हार जीत तय हो गई थी। 2012 में मलिहबाद, बीकेटी और लखनऊ उत्तर जैसी तीन सीटों पर कांटे की टक्कर दिखी। बीकेटी में 1899, मलिहाबाद में 2215 और लखनऊ उत्तर में 2219 वोट से सपा को जीत मिली थी। जबकि 2007 में लखनऊ पूर्व में 613 वोट और मलिहाबाद व महोना (बीकेटी) में जीत का अंतर सवा दो हजार के अंदर था। 2002 में पूर्व विधानसभा सीट मात्र 339 वोटों से बीजेपी की झोली में गई थी।
पोस्टल बैलेट से पड़े करीब 11 हजार वोट
पोस्टल बैलेट से 2017 के मुकाबले इसबार दो गुने से अधिक वोटिंग हुई है। मतदान कर्मियों के अलावा पहली बार 80 वर्ष से अधिक के बुजुर्ग व दिव्यांग मतादाताओं ने भी पोस्टल बैलेट से मतदान किया। इस तरह 10,771 लोगों ने पोस्टल बैलेट से वोट डाला। इनमें 9219 मतदान कर्मी व 1552 बुजुर्ग व दिव्यांगजन शामिल हैं। जबकि 2017 विधानसभा चुनाव में 5753 कर्मचारियों ने पोस्टल बैलेट से मतदान किया था। इनमें से करीब 750 वोट रद्द हो गए थे।
पोस्टल बैलेट से कुल मतदान
विधानसभा बुजुर्ग व दिव्यांग मतदान कर्मी कुल
मलिहाबाद – 210 273 483
बीकेटी – 226 922 1148
सरोजनीनगर – 187 1587 1774
लखनऊ पश्चिम – 119 1154 1273
लखनऊ उत्तर – 211 1271 1482
लखनऊ पूर्व – 159 1668 1827
लखनऊ मध्य – 140 681 821
लखनऊ कैंट – 119 1306 1425
मोहनलालगंज – 181 357 538
कुल वोटिंग – 1552 9219 10771