नई दिल्ली: इस समय एक सेक्टर देश में काफी तेजी से बढ़ रहा है। बड़ी-बड़ी कंपनियां इसमें भारी भरकम निवेश कर रही हैं। यह सेक्टर रिन्यूएबल एनर्जी का है। मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, गौतम अडानी समेत देश के कई बड़े उद्योगपति इस सेक्टर में आगे निकलने की होड़ में हैं। शायद यही कारण है कि ये बड़ी-बड़ी कंपनियां नई कंपनी बनाकर इस सेक्टर में एंट्री ले रही हैं।
इस सेक्टर में तेजी से कदम बढ़ाने के लिए अब गौतम अडानी ने भी नई कंपनी बनाई है। अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी इसके लिए आगे आई है। अडानी ग्रीन एनर्जी ने रिन्यूएबल एनर्जी के कारोबार के लिए एक सब्सिडियरी कंपनी बनाई है। कंपनी ने यह जानकारी शेयर मार्केट को दी फाइलिंग में दी।
क्या है कंपनी का नाम?
फाइलिंग के अनुसार अडानी रिन्यूएबल एनर्जी होल्डिंग नाइन लिमिटेड ने एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बनाई है। यह कंपनी रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में काम करेगी।
अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने शेयर मार्केट को दी जानकारी में कहा कि उसकी पूर्ण सब्सिडियरी कंपनी अडानी रिन्यूएबल एनर्जी होल्डिंग नाइन ने शुक्रवार को अडानी ग्रीन एनर्जी सिक्सटी नाइन लिमिटेड (एजीई69एल) का गठन किया।
क्या होगा कंपनी का काम?
फाइलिंग में कहा गया है कि एजीई69एल का मुख्य उद्देश्य किसी भी प्रकार की बिजली या इलेक्ट्रिक एनर्जी का उत्पादन, विकास, ट्रांसफॉर्मेशन, डिस्ट्रीब्यूशन, ट्रांसमिशन, सेल और सप्लाई करना है। इसके लिए पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा या ऊर्जा के अन्य नवीकरणीय स्रोतों का इस्तेमाल किया जाएगा।
अनिल अंबानी ने भी बनाई है कंपनी
रिन्यूएबल एनर्जी के लिए अनिल अंबानी ने भी हाल में नई कंपनी बनाई है। उन्होंने रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में कारोबार के लिए रिलायंस एनयू एनर्जीज प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी की स्थापना की है। यह कंपनी रिलायंस पावर की सब्सिडियरी कंपनी है। इस कंपनी की स्थापना के अगले ही दिन इसे SECI से 930 मेगावाट सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया है। यह भारत में सोलर और बैटरी स्टोरेज सिस्टम की सबसे बड़ी परियोजना है।
क्या चाहती हैं कंपनियां?
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर देश में तेजी से बढ़ रहा है। सरकार भी इसमें काफी रुचि दिखा रही है। वहीं सरकार का लक्ष्य साल 2070 तक कार्बन जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। इसी के लिए सरकार इस सेक्टर में भारी भरकर निवेश कर रही है। साथ ही कंपनियों को इस सेक्टर में आने वाले के लिए कई तरह के प्रोत्साहन भी दे रही है। कंपनियों का लक्ष्य है कि वह भी तेजी से बढ़ते इस सेक्टर का हिस्सा बनें।