मेरठ। नई चिकित्सा पद्धति के प्रति जागरूक होते हुए और उसे अपनाते हुए जिला मेरठ सूबे में तीसरे स्थान पर आ चुका है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजकुमार ने दी।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू की गई निशुल्क चिकित्सीय सेवा “ई-संजीवनी” द्वारा मरीज घर बैठे ही डॉक्टरों से अपनी बीमारी के बारे में सीधे बात कर सकता है और दवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि अब तक दो हजार लोग ई-संजीवनी एप से चिकित्सीय परामर्श लेकर लाभान्वित हो चुके हैं।
जनपद के लोगों को इस एप से जोड़ने के लिये और रैंकिंग में सुधार लाने के लिये कम्युनिटी हेल्थ अफसरों को निर्देश दिए गए है कि वे रोजाना कम से कम पांच लोगों के फोन में ई-संजीवनी एप डाउनलोड करवाएं।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अस्पताल जाने पर लोगों को संक्रमण का खतरा बना रहता है। ऐसे में लोग अपने घर में बैठकर ही मोबाइल, कंप्यूटर या लैपटॉप से डॉक्टर से सीधे परामर्श कर सकते हैं। यह एक निशुल्क सेवा है। यह सेवा उन लोगों को मददगार साबित होगी जो कोरोना के डर से अस्पताल नहीं जा पा रहे हैं और अपनी बीमारी को दबाए बैठे हैं।