उत्तराखंड का मिनी कश्मीर कहा जाता है मुनस्यारी

अधिकतर लोगों की चाहत होती है कि जब भी सुबह उनकी आंखें खुले तो सामने चमकता हिमालय और लाली बिखेरता सूरज दिखाई पड़े! अपनी इस तमन्ना अगर आप पूरा करना चाहते हैं तो उत्तराखंड का खूबसूरत मुनस्यारी (Munsyari) आपको अपने पास बुला रहा है। हिल स्टेशन तो सारे खूबसूरत होते हैं लेकिन हर हिल स्टेशन की अपनी अलग खूबसूरती और विशेषता होती है। उत्तराखंड की चोटी पर बसा मुनस्यारी (Munsyari) काफी खूबसूरत है। समुद्र तल से 2300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मुनस्यारी को कुदरत का वरदान प्राप्त है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, बर्फीली चोटियां, हरे-भरे खूबसूरत जंगल, हिमालय वस्पतियों और वन्य जीवन के लिए मुनस्यारी विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। मुनस्यारी की खूबसूरती को देखते हुए इसे उत्तराखंड ‘मिनी कश्मीर’ कहा जाता है।

अगर आप अपनी छुट्टियां मुनस्यारी मे बिताने के बारे में सोच रहे हैं तो हम इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप मुनस्यारी कैसे जा सकते हैं और वहां क्या-क्या घूम सकते हैं। मुनस्यारी जाने का प्लान आप कम से कम 6 दिनों का तो जरूर बनाएं तभी आप मुनस्यारी के मनमोहक दृश्यों का आनंद उठा सकते हैं। यहां की ड्राइव काफी लंबी है।
ब्रिथी वॉटरफॉल (Birthi Water Fall)
बिर्थी जल प्रपात उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी के पास तेजम से लगभग 14 किमी दूर स्थित है। यह झरना समुद्र तल से 400 फीट ऊपर से गिरता है और इसे कलामुनी दर्रे के पास से गुजरता है। बिर्थी जलप्रपात मुनस्यारी से लगभग 35 किमी दूर है और एक छोटे ट्रेक द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है। ट्रेकिंग सफर के बीच आप आसपास के प्राकृतिक दृश्यों का आनंद भी ले सकते हैं। ब्रिथी वॉटरफॉल कि खास बात है कि यह झरना बारिश हो, गर्मी या फिर सर्दी का मौसम हर समय एक जैसा रहता है। इसका पानी कभी कम नहीं होता है।
कलामुनी टॉप (Kalamuni)
अगर आप मुनस्यारी जा रहे हैं वहां पर आप कलामुनी टॉप भी घूम सकते हैं। कलामुनी टॉप घूमने के लिए काफी मशहूर जगह है। सबसे ऊंचाई पर होने के कारण इस जगह को कलामुनी टॉप कहा जाता है। कलामुनी जगह का महत्व यहां के प्राचीन मंदिर बढ़ाते हैं। मुनस्यारी से कलामुनी पहुंचने के लिए आपको 14 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी। यह जगह समुद्रतल से 9600 फीट की ऊंचाई पर बसी हुई है।
थमरी कुंड
कुमाऊं घाटी के अंदर बसा ये झरना काफी खूबसूरत है। यह एक बारहमासी झील है जहां की सैर मुनस्यारी घूमने वालों को तो जरूर करनी चाहिए। यह जगह भी काफी खूबसूरत और रोमांचिक हैं। यहां आकर आप अपने पार्टनर के साथ काफी खुशनुमा वक्त गुजार सकते हैं। यहां की सुंदरता को पेपर के मोटे वृक्षों और भी बढ़ा देते हैं। यहां पर आने के लिए भी आपको ट्रेक करना होगा। ट्रेक के माध्यम से मुख्य शहर से इस झील तक पहुंचने के लिए लगभग 8 घंटों का वक्त लग जाता है। इसलिए अगर आप यहां पर आना चाहते हैं तो शहर से सुबह ही निकलें।
महेश्वरी कुंड 
मुनस्यारी से कुछ समय की दूरी पर बसा है महेश्वरी कुंड। यह एक प्राचीन झील है जिसके पीछे कई कहानियां है। यहां के लोगों का कहना है कि इस झील को परमात्मा का आशीर्वाद प्राप्त है। इस झील से पौराणिक मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं।
मैडकोट
मुनस्यारी से लगभग 5 किलोमीटर उपर जाने के वाद मैडकोट पड़ता है। मैडकोट अपने गर्म पानी के प्राकृतिक कुंड के लिए प्रसिद्ध है। इस जगह की मान्यता है कि अगर इस प्राकृतिक रूप से निकलते गर्म पानी से त्वचा संबंधी रोग, बदन दर्द और गठिया जैसी बीमारियां ठीक हो जाती है। यहां पर काफी शांति रहती है। भीड़भाड़ काफी कम रहती है। शांति में बैठने का मन है तो आप यहां घंटों गुजार सकते हैं।
मुनस्यारी जाना है तो सबसे अच्छा है कि आप अपनी गाड़ी से या फिर टैक्सी से जाएं। अगर आपको ट्रेन से जाना है तो काठगोदाम तक आप ट्रेन से जा सकते हैं वहां से मुनस्यारी लगभग 280 किलोमीटर दूरी पर है। काठगोदाम से भी आपको टैक्सी मिल जाएगी। यहां से बसें भी जाती हैं लेकिन यह बसें सीधे मुनस्यारी तक आपको नहीं पहुंचाती हैं। बस आपको अलमोड़ा तक की मिलेगी। अलमोड़ा से आपको मुनस्यारी की अगल बस लेनी पड़ेगी। पंतनगर एअरपोर्ट मुनस्यारी से लगभग 310 किलोमीटर दूर है।
– रेनू तिवारी

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