सोल। उत्तर कोरिया में महामारी के करीब 7 महीने बाद शनिवार को संक्रमण का पहला संदिग्ध मामला सामने आया। इसे गंभीरता से लेते हुए तानाशाह किम जोंग उन ने साउथ काेरिया से सटे कीसॉन्ग शहर को लॉकडाउन करने का आदेश दिया है। सरकारी मीडिया के मुताबिक, संदिग्ध संक्रमित एक भगोड़ा है। वह तीन साल पहले उत्तर कोरिया छोड़कर भाग गया था। वह 19 जुलाई को गैरकानूनी ढंग से बॉर्डर क्रॉस कर देश में पहुंचा था।
मामले का पता चलते ही उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने शनिवार को पोलित ब्यूरो की इमरजेंसी बैठक बुलाई। इसमें कीसॉन्ग में इमरजेंसी लगाने के साथ ही टॉप क्लास अलर्ट जारी करने का फैसला किया गया। अब उन लोगों की पहचान की जा रही है जो इस संदिग्ध के संपर्क में आए हैं। इन सभी को क्वारैंटाइन किया जाएगा।
पुष्टि होने पर देश का पहला आधिकारिक मामला होगा
अगर मामले की पुष्टि होती है तो यह उत्तर कोरिया का पहला आधिकारिक मामला होगा। उत्तर कोरिया इस साल जनवरी में पड़ोसी देश चीन में संक्रमण फैलने के बाद सतर्क हो गया था। इसने अपने सभी बॉर्डर सील कर दिए थे। इससे हजारों लोग आइसोलेशन में चले गए थे। इसने राजधानी प्योंगयोंग में काम करने वाले अपने सभी अफसरों के लिए भी एक महीने का क्वारैंटाइन जरूरी कर दिया था। हालांकि, इस बीच यहां संक्रमण पहुंचने की अपुष्ट खबरें भी कई बार सामने आई थी।
महामारी से देश पर पड़ सकता है असर
नार्थ कोरिया दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है जिसने महामारी से बचने के लिए सबसे पहले कदम उठाए। देश की अर्थव्यवस्था चीन से होने वाले बिजनेस पर चलती है। इसके बावजूद इसने खतरे को देखते हुए चीन से होने वाला व्यापार पूरी तरह रोक दिया। इस वजह से इसकी कमाई पहले से कम हो गई। यहां पर स्वास्थ्य सुविधाएं दूसरे देशों की तुलना में बेहतर नहीं है। अब अगर महामारी फैलती है तो नार्थ कोरिया पर इसका बुरा असर होगा।