लखनऊ। उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड का चुनाव अब नहीं होगा। निर्धारित संख्या से अधिक प्रत्याशी होने के कारण चुनाव की संभावना थी, लेकिन आज दो लोगों के नाम वापस लेने से चुनाव की सारी संभावना समाप्त हो गई है। उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड के चुनाव में नामांकन से पहले ही मतदान की सारी संभावना समाप्त हो गई है। सदस्य के प्रत्याश के रूप में संभल के विधायक इकबाल महमूद तथा एमएलसी परवेज अली ने आज नाम वापस ले लिया है। अब विधायक कोटे के दो पदों के लिए दो प्रत्याशी बचे हैं।
इस तरह से सुल्तानपुर के विधायक अबरार अहमद तथा आजमगढ़ के विधायक नफीस अहमद का निॢवरोध निर्वाचन तय हो गया है। बोर्ड के चुनाव के लिए सांसद, मुतवल्ली व बार कौंसिल सदस्य कोटे के दो-दो पदों के लिए पहले ही दो-दो प्रत्याशियों ने नामांकन भरे थे।
इससे पहले सुन्नी वक्फ बोर्ड के चुनाव में विधायक कोटे की दो सीटों के लिए चार नामांकन पत्र भरे गए थे। अब दो के नाम वापसी के बाद चुनाव नहीं होगा। इससे पहले नामांकन भरने वाले चारों ही समाजवादी पार्टी के विधायक थे। इसके अलावा सांसद, मुतवल्ली व बार कौसिंल सदस्यों की दो-दो सीटों पर दो-दो ही नामांकन भरे गए।
यानी सांसद, मुतवल्ली व बार कौंसिल सदस्यों की सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन तय है। वहीं, शुक्रवार को नाम वापसी है। उम्मीद की जा रही थी कि समाजवादी पार्टी दो विधायकों से नाम वापस करा लेगी। ऐसे में विधायक कोटे में भी निर्विरोध निर्वाचन होगा।
11 सदस्यीय सुन्नी वक्फ बोर्ड में आठ पदों के लिए चुनाव हो रहे हैं। सुन्नी वक्फ बोर्ड कार्यालय में गुरुवार को इन पदों के लिए नामांकन पत्र भरे गए। सांसद कोटे की दो सीटों के लिए मुरादाबाद के सपा सांसद एसटी हसन व अमरोहा के बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने पर्चा भरा। मुतवल्ली कोटे की दो सीटों पर जुफर अहमद फारूकी व अदनान फर्रूख शाह ने नामांकन किया।
जुफर पिछले दो कार्यकाल से वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं। अदनान भी पिछले बोर्ड में सदस्य रह चुके हैं। बार कौंसिल सदस्य कोटे की दो सीटों के लिए इमरान माबूद खान व अब्दुल रज्जाक खान ने नामांकन किया। बार कौंसिल सदस्यों में केवल यही दोनों सुन्नी मुस्लिम हैं। पिछले बोर्ड में भी यह दोनों सदस्य थे।
विधायक कोटे की दो सीटों के लिए इसौली सुलतानपुर के विधायक अबरार अहमद, गोपालपुर आजमगढ़ के विधायक नफीस अहमद, संभल के विधायक इकबाल महमूद व एमएलसी परवेज अली ने पर्चा भरा। चूंकि चारों सपा के विधायक हैं इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि शुक्रवार को दो विधायक नाम वापस ले लेंगे। ऐसे में सभी कोटे के सदस्यों के निर्विरोध निर्वाचन की उम्मीद है। आठ सदस्यों के चुनाव के बाद तीन सदस्य सरकार नामित करेगी। कुल 11 सदस्य बाद में अध्यक्ष का चुनाव करेंगे।