उपचुनाव- कांग्रेस ने वायनाड सीट से प्रियंका को टिकट दिया

केरल की वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस ने पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को टिकट दिया है। यह प्रियंका गांधी का पहला लोकसभा चुनाव होगा। चुनाव आयोग ने 15 अक्टूबर की दोपहर को 13 राज्यों की 47 विधानसभा और लोकसभा की 2 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की थी। इनमें केरल की वायनाड और महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट शामिल हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी ने वायनाड और यूपी की रायबरेली लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। उन्होंने गांधी परिवार की पारंपरिक रायबरेली सीट को चुना था और वायनाड छोड़ी थी। केरल की दो विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव है। पार्टी ने दोनों सीटों पर भी उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है।

राहुल ने कहा था- वायनाड का दौरा करता रहूंगा 17 जून को वायनाड सीट छोड़ते वक्त राहुल ने कहा था- वायनाड और रायबरेली से मेरा भावनात्मक रिश्ता है। मैं पिछले 5 साल से वायनाड से सांसद था। मैं लोगों को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन मैं समय-समय पर वायनाड का दौरा भी करूंगा। मेरा रायबरेली से पुराना रिश्ता है, मुझे खुशी है कि मुझे फिर से उनका प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा, लेकिन यह एक कठिन निर्णय था।

प्रियंका ने कहा था- वायनाड को राहुल की कमी महसूस नहीं होने दूंगी

जून में वायनाड सीट छोड़ने के ऐलान के वक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल ने प्रियंका को गले लगाया।
जून में वायनाड सीट छोड़ने के ऐलान के वक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल ने प्रियंका को गले लगाया।

राहुल के ऐलान के बाद प्रियंका ने कहा था- मुझे वायनाड का प्रतिनिधित्व करने में बहुत खुशी होगी। मैं उन्हें उनकी (राहुल गांधी की) अनुपस्थिति महसूस नहीं होने दूंगी। मैं कड़ी मेहनत करूंगी। सभी को खुश करने और एक अच्छा प्रतिनिधि बनने की पूरी कोशिश करूंगी। मेरा रायबरेली और अमेठी से बहुत पुराना रिश्ता है, इसे तोड़ा नहीं जा सकता। मैं रायबरेली में भी अपने भाई की मदद करूंगी। हम दोनों रायबरेली और वायनाड में मौजूद रहेंगे।

कोई व्यक्ति एक साथ दो सदनों का सदस्य नहीं हो सकता संविधान के तहत कोई व्यक्ति एक साथ संसद के दोनों सदनों या संसद और राज्य विधानमंडल का सदस्य नहीं हो सकता। न ही एक सदन में एक से ज्यादा सीटों का प्रतिनिधित्व कर सकता है। संविधान के अनुच्छेद 101 (1) में जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 68 (1) के तहत अगर कोई जनप्रतिनिधि 2 सीटों से चुनाव जीतता है, तो उसे रिजल्ट घोषित होने के 14 दिन के भीतर एक सीट छोड़नी होती है। अगर एक सीट नहीं छोड़ता है, तो उसकी दोनों सीटें रिक्त हो जाती हैं।

लोकसभा सीट छोड़ने के यह हैं नियम…

• अगर कोई सदस्य लोकसभा या किसी सीट से इस्तीफा देना चाहता है तो उसे सदन के स्पीकर को इस्तीफा भेजना होता है।

• नई संसद के गठन में अगर स्पीकर या डिप्टी स्पीकर नहीं है तो ऐसी स्थिति में प्रत्याशी इलेक्शन कमीशन को त्यागपत्र सौंपता है।

• इसके बाद इलेक्शन कमीशन रेजिग्नेशन लेटर की एक कॉपी सदन के सचिव को भेज देता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here