एनआईए को मिली बड़ी सफलता, हिजबुल फंडिंग का भंडाफोड़

नई दिल्ली। एनआईए ने पंजाब और हरियाणा पुलिस की मदद से हिजबुल मुजाहिदीन के टेरर फंडिंग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुछ आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पाकिस्तान से सेंधा नमक की आड़ में ड्रग्स भारत भेजे जाते थे। इनकी बिक्री से मिलने वाला पैसा आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन तक पहुंचता था।
एनआईए ने 25 अप्रैल को कश्मीर के रहने वाले हिलाल अहमद वागे को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के बाद इस रैकेट की जानकारी मिली।

पाकिस्तान से आते थे ड्रग्स
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पाकिस्तान सेंधा नमक भारत को निर्यात करता है। इसके साथ छिपाकर ड्रग्स भी भेजे जाते थे। एनआईए को खुफिया सूत्रों से इसकी जानकारी मिल चुकी थी। उसने पंजाब और हरियाणा पुलिस की मदद ली। रंजीत सिंह उर्फ राणा और चीता को गिरफ्तार किया गया। उसके पिता हरभजन और भाई गगनदीप को भी गिरफ्तार किया गया।

हिलाल का करीबी है रंजीत
नौगाम कश्मीर का रहने वाला हिलाल अहमद वागे हिजबुल के लिए पैसा जुटाता था। उसे 25 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। कब्जे से 29 लाख रुपए बरामद हुए थे। पूछताछ के बाद जांच आगे बढ़ी। अमृतसर के बिक्रम सिंह उर्फ विकी को गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि विकी ही हिलाल तक पैसा पहुंचाता था। उसके भाई मनिंदर को 5 मई को ही गिरफ्तार कर लिया गया था।

नार्को-टेरर फंडिंग
सूत्रों के मुताबिक, टेरर फंडिंग और ड्रग्स का यह खेल लंबे वक्त से चल रहा था। पिछले साल अटारी बॉर्डर पर 532 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई थी। मुख्य आरोपी इकबाल सिंह शेरा और रंजीत फरार हो गए थे। एनआईए इस मामले की जांच कर रही है। पांच में से चार खेप भारत पहुंच गईं थीं। जबकि, आखिरी पकड़ी गई।

कई लोग शामिल
एक अफसर के मुताबिक, “ड्रग्स स्मगलिंग और टेरर फंडिंग के इस धंधे में इम्पोर्ट करने वाले, ग्राहक, हाउस एजेंट्स और ट्रांसपोर्टर शामिल हैं। हवाला के लिए जरिए पैसे का लेनदेन होता था। इसमें अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कुछ लोग शामिल हैं।” तरन तारन जिले का रंजीत सिंह और उसके भाई इस मामले में मुख्य आरोपी हैं।

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