चंडीगढ़। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में अब गर्मी में पानी की कोई कमी नहीं होगी। नई दिल्ली में मंगलवार को लखवार बांध परियोजना के लिए केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में हरियाणा सहित 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने एमओयू साइन किया। चार दशक की जिद्दोजहद के बाद लखवार बहुउद्देश्यीय राष्ट्रीय परियोजना सिरे चढऩे जा रही है। परियोजना से 2.67 लाख एकड़ फीट पानी का प्रबंधन संभव होगा और सभी राज्यों में पानी और बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उत्तराखंड के त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, हिमाचल प्रदेश के जयराम ठाकुर, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लखवार बहुउद्देश्यीय राष्ट्रीय परियोजना के समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए।
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन के अनुसार परियोजना से हरियाणा के किसानों को वर्ष 1994 के समझौते के अनुसार पानी उपलब्ध होगा, जिसका सिंचाई से लेकर घरेलू और व्यावसायिक प्रयोग किया जा सकेगा। लखवार बांध परियोजना एसवाईएल नहर के बाद दूसरा ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसे सिरे चढ़ाने के लिए सरकार ने पूरी गंभीरता से काम किया। तकनीकी अड़चनों को दूर कर दिया गया है।
करीब 4000 करोड़ रुपये की इस परियोजना से 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा जिस पर उत्तराखंड का पूरा अधिकार होगा। पानी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान के बीच बंट जाएगा। परियोजना में तकनीकी अड़चनों को दूर करते हुए प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।
उल्लेखनीय है कि कई राज्यों के साथ उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में पानी की अत्यंत कमी है। इस समझौते से बुंदेलखंड को काफी फायदा हो सकता है। इससे 2019 में होने वाले आम चुनावों में भी भाजपा को काफी फायदा मिल सकता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कह चुके हैं कि बुंदेलखंड को अब प्यासा नहीं रहने दिया जाएगा और इसके साथ ही कई विकास योजनाएं भी चलाई जाएंगी ताकि बुंदेलखंड तरक्की के रास्ते पर बढ़ सके।