नई दिल्ली। दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) को खरीदने की इच्छुक कंपनियों ने एक बार फिर बोली लगाई है। इस बार अमेरिका के असेट मैनेजमेंट फंड हाउस ओकट्री कैपिटल ने सबसे बड़ी 36,646 करोड़ रुपए की बोली लगाई है।
साथ ही कंपनी ने 11,646 करोड़ रुपए के अपफ्रंट कैश का ऑफर दिया है। ऑफर के मुताबिक, फंड हाउस 1500 करोड़ रुपए रोक लेगा। DHFL के इंश्योरेंस वेंचर की बिक्री और सभी टैक्स देयता के बाद बैंकों को इस राशि का भुगतान किया जाएगा।
अडानी ग्रुप की सबसे कम बोली
इस बार पीरामल ग्रुप ने DHFL के लिए 35,550 करोड़ रुपए की बोली लगाई है। साथ ही ग्रुप ने 13 हजार करोड़ रुपए के अपफ्रंट भुगतान का ऑफर दिया है। इसके अलावा पीरामल ग्रुप ने DHFL के रिटेल पोर्टफोलियो के लिए 26,500 करोड़ रुपए का भी दूसरा ऑफर दिया है। वहीं, अडानी ग्रुप ने 29,860 करोड़ रुपए के साथ 11 हजार करोड़ रुपए के अपफ्रंट कैश का ऑफर दिया है। इस बार अडानी ग्रुप की बोली सबसे कम रही है।
DHFL की कहानी में अब तक की घटनाएं
- नवंबर 2019 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने DHFL के बोर्ड को भंग करके आर. सुब्रमण्यकुमार को एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया।
- बैंक लोन के भुगतान में विफल रहने के बाद दिसंबर 2019 में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने DHFL के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया चलाने का आदेश दिया।
- जनवरी 2020 में लैंडर्स ने पूरी DHFL या इसके अलग-अलग पोर्टफोलियो के लिए इंटरेस्ट ऑफ एक्सप्रेशन (EoI) आमंत्रित किए।
- फरवरी 2020 में 24 कंपनियों ने DHFL को खरीदने के लिए निविदा जमा की।
- अक्टूबर 2020 में केवल 4 कंपनियों ने फाइनेंशियल निविदा जमा की।
कपिल वधावन ने दिया 100% रिफंड का नया ऑफर
DHFL के पूर्व प्रमोटर कपिल वधावन ने एडमिनिस्ट्रेटर को पत्र लिखकर क्रेडिटर्स को प्रिंसीपल डेट का 100% रिफंड का नया ऑफर दिया है। वधावन ने यह पत्र एडमिनिस्ट्रेटर के साथ RBI, PMO, मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स और कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स को भी भेजा है। पत्र में वधावन ने कहा कि वह प्रिंसीपल अमाउंट 7 से 8 साल में लौटा देंगे।