ओम माथुर का एलानः 2019 में जीत के बाद पूरे देश में लागू होगा एनआरसी

नयी दिल्ली। एनआरसी को भाजपा 2019 के लिए ट्रंप कार्ड मानकर चल रही है। पार्टी के कई नेता खुलकर देश को घुसपैठियों से आजाद कराने के बयान दे रहे है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां बांग्लादेशियों और अन्य अवैध घुसपैठियों के बचाव में खुलकर उतरी हुई हैं। उल्लेखनीय है कि जहां एक तरफ सत्ता और विपक्ष के बीच नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) को लेकर बहस छिड़ी हुई है। वहीं भाजपा के नेता इसपर लगातार बयान दे रहे हैं। विपक्ष लगातार सरकार पर आरोप लगा रहा है कि उसने एनआरसी को वोट पाने के लिए लागू किया है। वहीं भाजपा विपक्ष को इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति ना करने की सलाह दे रही है। इसी बीच भाजपा उपाध्यक्ष ओपी माथुर ने इस मुद्दे पर एक बड़ा बयान दिया है। एनआरसी पर अपने विचार रखते हुए माथुर ने कहा, ‘हम 2019 में जीतेंगे, एनआरसी अभी सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत केवल असम में लागू हुआ है लेकिन इसे हम पूरे देश में लागू करेंगे। हम देश को धर्मशाला में बदलने नहीं देंगे। घुसपैठियों को कानूनी रूप से हटा दिया जाएगा। किसी भी भारतीय नागरिक को देश से नहीं जाना पड़ेगा।’

 

 

इस मामले पर बयान देते हुए  राजस्थान में मीडिया को संबोधित करते हुए माथुर ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष अपने परिवार के प्रति सच्चे नहीं हैं। एनआरसी को तत्कालीन प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी ने शुरू किया था लेकिन पार्टी के अंदर पिछले 10 सालों में इसे लागू करने की हिम्मत नहीं हुई। घुसपैठियों की समस्या का सामना पूरे देश में किया जा रहा है। ऐसा कोई बड़ा देश नहीं है जहां बांग्लादेशी प्रवासी नहीं रहते हैं। एनआरसी को हम पूरे देश में लागू करेंगे। एनआरसी को अगले साल होने वाले चुनाव का बड़ा मुद्दा बनाते हुए और अपने वोट बैंक को मजबूत करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का कहना है कि उनकी पार्टी बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश से बाहर कर देगी। हालांकि हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान की जाएगी। उत्तर प्रदेश के मेरठ में दो दिन की राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे शाह ने कहा था, ‘बांग्लादेशी घुसपैठियों को किसी भी कीमत पर देश में रहने की इजाजत नहीं है। वहीं उनकी सरकार हिंदू शरणार्थियों के प्रति नरम रुख अपनाते हुए उन्हें नागरिकता प्रदान करेगी।

 

 

उल्लेखनीय है कि इस मामले में संसद से लेकर सड़क तक हंगामा मचा हुआ था। राज्यसभा में सबसे ज्यादा हंगामा दिखाई दिया। कांग्रेस और ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने खुलकर बांग्लादेशियों का समर्थन किया था। ममता ने सबसे आगे बढ़ते हुए देश में खूनखराबा होने की धमकी दे डाली थी जिसपर भाजपा ने भी ममता पर पलटवार करते हुए उनके बयान की निन्दा की थी।

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