नई दिल्ली। वैक्सीनेशन ही कोरोना से लड़ने का सबसे असरदार हथियार माना जा रहा है, लेकिन भारत जैसी बड़ी आबादी वाले देश में इतनी जल्दी सभी को वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती। इस बीच कनाडा की कंपनी ‘सेनोटाइज’ का एक नेजल स्प्रे पूरी दुनिया में चर्चा का विषय है। सेनोटाइज का दावा है कि यह नेजल स्प्रे ब्रिटेन और न्यूजीलैंड में क्लिनिकल ट्रायल की प्रॉसेस से गुजर चुका है, जिसमें यह 99 फीसदी कारगर रहा।
यह नेजल स्प्रे कैसे काम करता है? भारत में कब तक आ जाएगा? कीमत कितनी होगी? ऐसे कुछ सवालों को लेकर इस नेजल स्प्रे को बनाने वाली कंपनी सेनोटाइज की फाउंडर गिली रेगेवे से बात की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश…
सवाल: कंपनी का दावा है कि ये नेजल स्प्रे 99% इफेक्टिव है, इस दावे पर कौन सी संस्था मुहर लगा रही है?
जवाब: हमारा दावा हवा-हवाई नहीं है, टेस्ट नतीजों पर आधारित है। नेजल स्प्रे की टेस्टिंग हमने अपनी लैब में करने के बाद इसके मैन्युफैक्चरिंग फॉर्मूले को यूएसए की उटा यूनिवर्सिटी (Utah State University) में भेजा। वहां यूनिवर्सिटी के एंटी वायरल इंस्टीट्यूट ने लैब टेस्ट करने के बाद इसे 99 नहीं बल्कि 99.9% प्रभावी बताया।
हमने शोध की दुनिया की सबसे बेहतरीन और विश्वसनीय पद्धति ‘डबल ब्लाइंड प्लेसिबो कंट्रोल’ का इस्तेमाल किया। इसके लिए दो ग्रुप बनाए गए। एक को प्लेसिबो यानी कोई सामान्य नेजल स्प्रे दिया और दूसरे को सेनोटाइज नेजल स्प्रे दिया। ग्रुप में किसी को पता नहीं था कि किसे क्या दिया गया। हमने पाया कि 24 घंटे के भीतर सेनोटाइज नेजल स्प्रे का इस्तेमाल करने वाले लोगों में 95 प्रतिशत तक वायरल लोड कम हो गया। जबकि 3 दिन के भीतर 99 प्रतिशत तक वायरल लोड कम हो गया। यह सभी कोविड पॉजिटिव लोग थे। यह रिजल्ट वैश्विक स्तर पर मशहूर ‘जर्नल ऑफ इन्फेक्शन’ में ऑलरेडी पब्लिश हो चुका है।
सवाल: ये स्प्रे कोरोना के खिलाफ कैसे काम करता है?
जवाब: इस नेजल स्प्रे की सबसे खास बात यह है कि यह जिस केमिकल से बना है, वह हमारी बॉडी के हर हिस्से में पहले से मौजूद है। यह नेजल स्प्रे नाइट्रिक ऑक्साइड से बना है। यह केमिकल कंपोनेंट पहले से ही हमारे शरीर के हर सिस्टम में मौजूद होता है, लिहाजा मानव शरीर को इसके साथ एडजेस्ट करने में किसी भी तरह की दिक्कत पेश नहीं आएगी। नाइट्रिक ऑक्साइड एंटी इफेक्टिव माइक्रोबियल यानी बैक्टीरिया और वायरस की ग्रोथ को रोकने वाला केमिकल है। यह किसी भी हैंड सैनेटाइजर की तरह ही काम करता है। जैसे ही हम नेजल स्प्रे लेते हैं, वैसे ही यह सबसे पहले नाक में एक बैरियर क्रिएट करता है।
यह बैरियर नॉन स्पेसिफिक वायरस को ताबड़तोड़ तरह से मारता है। एक तरफ बैरियर की वजह से वायरस मरते हैं। दूसरी तरफ यह नाइट्रिक ऑक्साइड नाक में मौजूद रिसेप्टर्स की कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को ब्लॉक कर देता है।
सवाल: भारत में लोगों को ये कब से मिलना शुरू हो सकता है? और सबसे पहले कहां मिलेगा? पूरे देश में एक साथ या कुछ और रणनीति रहेगी?
जवाब: भारत में हम किसी पोटेंशियल पार्टनर की तलाश कर रहे हैं। कई कंपनियों ने इंटरेस्ट शो किया है। कुछ बहुत बड़ी फार्मास्यूटिकल कंपनियों के साथ बहुत एडवांस स्टेज में हमारी बातचीत चल रही है। हम अभी उनका नाम नहीं बता सकते, लेकिन मुझे लगता है बहुत जल्द हमें हमारा पार्टनर मिल जाएगा। इसके बाद भारत में अप्रूवल लेने की प्रक्रिया शुरू होगी। तो मैं बस इतना ही कहूंगी कि भारत में सेनोटाइज नेजल स्प्रे बहुत जल्द पहुंच जाएगा। यह हमारे भारतीय पार्टनर कंपनी पर निर्भर करेगा कि वह इसे कैसे और सबसे पहले कहां पहुंचाना पसंद करेगी।
सवाल: क्या इसके इस्तेमाल पर सरकार का भी कुछ नियंत्रण रहेगा? यानी डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन या कुछ और किसी तरह की शर्त?
जवाब: अभी हम कुछ नहीं कह सकते, एक बार पार्टनर कंपनी के साथ डील होने के बाद भारत की सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन-CDSCO हमारे डॉक्यूमेंट्स की समीक्षा करेगा, उसके बाद वह तय करेगा ‘नेजल स्प्रे’ का प्रयोग किस तरह से किया जाएगा, प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर या बिना इसके। इस तरह की चीजें तय करना किसी भी देश की ड्रग पॉलिसी पर निर्भर करता है।
सवाल: इसकी कीमत क्या होगी? विदेश में फिलहाल क्या है और भारत में क्या होगी?
जवाब: मैं बस अभी इतना कहना चाहती हूं कि सेनोटाइज को हम हर जरूरतमंद के लिए बना रहे हैं। कीमत पार्टनर कंपनी के साथ डील होने पर तय होगी। हम यह तो नहीं कहते कि हम इतनी सस्ती नेजल स्प्रे देंगे कि हर एक व्यक्ति इसे आसानी से खरीद सके, लेकिन हमने ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की मंशा के साथ इसे बनाया है, लिहाजा वह बहुत ज्यादा भी नहीं होगी। हमारी कोशिश है कि नेजल स्प्रे ज्यादा से ज्यादा लोगों के लिए अफोर्डेबल हो।
सवाल: सेनोटाइज नेजल स्प्रे के इस्तेमाल के साथ कोई एहतियात भी बरतना होगा? कोई साइड इफेक्ट भी पाए गए हैं?
जवाब: बिल्कुल नहीं। हम दावे से कह रहे हैं कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इस नेजल स्प्रे की सबसे खास बात यह है कि यह नाइट्रिक ऑक्साइड से बना है। इस केमिकल के मॉलिक्यूल हमारी बॉडी के हर सिस्टम में पहले से ही मौजूद हैं। इसीलिए इसे नेचुरल केमिकल कंपोनेंट भी कहते हैं। लिहाजा साइड इफेक्ट की कोई गुंजाइश नहीं है।
सवाल: इस नेजल स्प्रे का इस्तेमाल कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए किया जाएगा या इन्फेक्शन को रोकने के लिए किया जाएगा?
जवाब: दोनों ही स्थिति में इसका प्रयोग किया जा सकता है।
सवाल: कब तक और दिन में कितनी बार इसका उपयोग करना है?
जवाब: अगर नेजल स्प्रे का इस्तेमाल संक्रमण रोकने के लिए कर रहे हैं तो दिन में एक या दो बार, तकरीबन एक महीने तक। और अगर ट्रीटमेंट में कर रहे हैं तो दिन में 4-5 बार, अवधि गंभीरता के आधार पर डॉक्टर तय करेंगे।
सवाल: पहला और दूसरा टीका लेने वाले लोग भी क्या इस नेजल स्प्रे को ले सकते हैं?
जवाब: हां, बिल्कुल। देखिए कोविड-19 का संक्रमण इतना घातक है कि इससे निपटने के लिए किसी एक ‘टूल’ की नहीं बल्कि ‘टूल बॉक्स’ की जरूरत है। यह नेजल स्प्रे एक तरह से कोविड के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार किए जा रहे ‘टूल बॉक्स’ का एक मजबूत हथियार है। इसे वैक्सीनेशन के पहले और बाद में, दोनों ही स्थितियों में लिया जा सकता। हां, एक बात ध्यान रखिए, जब हम नेजल स्प्रे के प्रभावी होने का दावा करते हैं तो यह बिल्कुल नहीं कहते कि आप वैक्सीनेशन न करवाएं। वैक्सीनेशन जरूरी है।
सवाल: अगर ये स्प्रे ले रहे हैं तो क्या टीका लगाने की जरूरत नहीं होगी?
जवाब: मैंने ऊपर भी कहा, वैक्सीनेशन जरूरी है, लेकिन क्योंकि मैं यह मानकर चलती हूं कि भारत ही नहीं कई और देश हैं जहां पर इतनी जल्दी वैक्सीनेशन सबके लिए संभव नहीं होगा, ऐसी स्थिति में नेजल स्प्रे असरकारक होगा।
सवाल: इस तरह का कोई और भी नेजल स्प्रे है क्या बाजार में? किसी और कंपनी ने बनाया हो?
जवाब: मुझे नहीं लगता कि नाइट्रिक ऑक्साइड जैसे नेचुरल कंपोनेंट पर आधारित कोई भी ‘नेजल स्प्रे’ पहले से मौजूद है। और यही नेचुरल कंपोनेंट हमारी खासियत है।
सवाल: किन देशों में इसका क्लिनिकल ट्रायल हुआ है? इसके इस्तेमाल को अप्रूवल कहां मिला है?
जवाब: यूके में क्लिनिकल ट्रायल हुआ है। ट्रायल के दौरान एफिकेसी रेट बहुत स्ट्रॉन्ग पाई गई। हमने पाया कि यूके वैरिएंट यानी कोरोना वायरस में हुए म्यूटेशन या कह सकते हैं कि उसके रूप बदलने के बाद चर्चा में आए बेहद घातक वैरिएंट को खत्म करने में यह नेजल स्प्रे बहुत प्रभावी रहा। हमने प्रॉसेस शुरू कर दी है, उम्मीद है जल्द ही अप्रूवल मिल जाएगा। कनाडा में सेफ्टी ट्रायल हमने किया है। अब कनाडा में फेज-3 यानी अंतिम चरण का ट्रायल चल रहा है। इजराइल और न्यूजीलैंड ने इसे मेडिकल इमरजेंसी में इस्तेमाल के लिए स्वीकृति दे दी है।