कनेक्टेड वर्ल्ड में सबसे बड़ी चुनौती निजी डाटा की सुरक्षा, अपनाएं यह उपाय

आज के कनेक्टेड वर्ल्ड में सबसे बड़ी चुनौती निजी डाटा की सुरक्षा करना है। इसका मुख्य कारण आज के समय में आने वाले स्मार्टफोन्स की स्टोरेज कैपेसिटी का बढ़ना है। हमारे स्मार्टफोन में जितनी ज्यादा स्टोरेज होगी उतना ही हम अपने निजी डाटा को स्मार्टफोन में स्टोर करने के आदि बनते जा रहे हैं।

जैसे-जैसे कनेक्टिविटी और फीचर आज हमारे लिए वरदान साबित हो रहे हैं वैसे ही इसके डार्क साइड को देखें तो प्राइवेसी को बचाना हमारे लिए चुनौती बनता जा रहा है। जिसकी वजह से आज यूजर्स हैरेसिंग कॉल्स, खतरनाक ऐप्स से घिरे रहते हैं और डाटा प्राइवेसी ताक पर रहती है। कई ऐप्स की वजह से ऐसे खतरनाक वायरस या मेलवेयर हमारे स्मार्टफोन में आ जाते हैं जो हमारी निजी डाटा को लीक करते रहते हैं।

Google पिछले साल ने यूजर्स की इस परेशानी का संज्ञान लेते हुए अपने Android ऑपरेटिंग सिस्टम में बड़े बदलाव किए हैं, ताकि यूजर्स के निजी जानकारियों को बिना उनकी अनुमति के किसी से शेयर नहीं की जा सके। इसके लिए Android के सिक्युरिटी फीचर को लगातार इंप्रूव किया जा रहा है।

लेकिन सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कई यूजर्स को पता ही नहीं होता है कि अपने निजी डाटा को कैसे सिक्योर किया जाए। सभी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां अपने डिवाइस के साथ ऐसे विकल्प प्रदान करती हैं जिसकी मदद से यूजर्स अपने फोन में कुछ सेटिंग्स करके निजी डाटा को प्रोटेक्ट (सुरक्षित) कर सकते हैं।

स्मार्टफोन हमेशा रखें लॉक्ड

क्या आप ने कभी सोचा है कि आप ने अपने स्मार्टफोन को कितने बार किसी को इस्तेमाल करने के लिए दिया हो। चाहे वो कॉल करने के लिए हो या गेम खेलने के लिए हो या फिर म्यूजिक सुनने या फिर वीडियो देखने के लिए दिया हो? आपकी सभी निजी जानकारियां खुली किताब की तरह आपके स्मार्टफोन में रहती है जिसे किसी भी अन्य डिवाइस के साथ आसानी से शेयर किया जा सकता है। इसका सीधा और आसान तरीका है अपने स्मार्टफोन में लॉक लगाएं और डाटा को सुरक्षित रखें।

एक सिंपल लॉक लगाने से आप अपने स्मार्टफोन में अपने कई निजी डाटा को सुरक्षित रख सकते हैं जैसे कि गैलरी, फाइल मैनेजर, वीडियो प्लेयर्स, Whatsapp आदि इनमें शामिल हैं। अगर, आपके पास Android स्मार्टफोन है तो आपको ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ डिवाइस लॉक करने के लिए सिक्युरिटी लॉक की व्यवस्था होगी। उदाहरण के तौर पर Samsung इसे सिक्योर फोल्डर का नाम देता है। OnePlus इसे ऐप लॉकर का नाम देता है। OPPO, Realme और Xiaomi के डिवासेज इसे ऐप लॉक कहते हैं।

इन स्मार्टफोन्स में इस्तेमाल होने वाले ऐप लॉकर्स आपको निजी डाटा को एनक्रिप्ट कर लेते हैं ताकि वो किसी के लिए भी एक्सेसिबल न हो सके। OnePlus के Oxygen OS और Samsung के OneUI में किसी भी ऐप को हाइड करने का भी विकल्प मिलता है। OPPO के हाल ही में लॉन्च हुए FindX2 सीरीज के साथ आने वाले ColorOS 7.1 में सिक्युरिटी को और भी बेहतर बनाया गया है। जैसे कि इसमें स्क्रीनशॉट और स्क्रीन रिकॉर्ड को भी प्राइवेसी सेटिंग्स इनेबल करके रोका जा सकता है।

स्मार्टफोन के ये प्राइवेसी फीचर्स आपके दोस्तों, कलिग्स और अनजान लोगों के लिए तो ठीक हैं लेकिन आपके परिवार के लोगों को आपके फोन को लॉक रखना या किसी स्पेसिफिक फोल्डर या ऐप को लॉक रखना पसंद नहीं आएगा। आप अपने परिवार के लोगों के साथ अपने फोन के एक्सेस को नहीं ब्लॉक कर सकते हैं, लेकिन आप अपने कुछ निजी फाइल्स को हाइड कर सकेंगे। OnePlus अपने इस फीचर को Lockbox का नाम देता है जिसे फाइल मैनेजर ऐप के जरिए एक्सेस किया जा सकता है। Samsung के डिवाइसेज के लिए भी ऐसा ही Secure फोल्डर फीचर है। Vivo के डिवाइसेज के लिए File सेफ नाम से ये फीचर मौजूद है। वहीं, Xiaomi के डिवाइसेज में आपको इंडिविजुअल फाइल को फाइल मैनेजर से हाइड करने का विकल्प मिलता है।

Xiaomi के डिवाइस में इसतेमाल होने वाले MIUI में आपको पासवर्ड प्रोटेक्शन फीचर भी मिलता है जो आपके डिवाइस में किसी भी प्राइवेट मैसेज को लॉक करने की सुविधा देता है। इसके अलावा आप फोटो, फाइल, नोट को भी कॉमन पासवर्ड के जरिए हाइड कर सकते हैं। OPPO के डिवाइस में इस्तेमाल होने वाले ColorOS में भी प्राइवेट सेफ फीचर दिया गया है जिसकी वजह से आपके स्मार्टफोन में एक और अतिरिक्त सुरक्षा लेयर मिलता है इसकी मदद से आप अपनी निजी डाटा को सुरक्षित रखकर अपने फोन को किसी के साथ शेयर कर सकते हैं। आप इसके लिए किसी थर्ड पार्टी ऐप का इस्तेमाल न करें तो ही बेहतर होगा।

ऐप परमिशन पर रखें नजर

कई बार ऐसा होता है कि लोग अपने स्मार्टफोन में ऐप्स को इंस्टॉल करते समय मांगे जाने वाले परमिशन पर ध्यान नहीं देते हैं, जिसकी वजह से आपके निजी डाटा की सुरक्षा पर खतरा पैदा हो जाता है। क्या आप जानते हैं कि कई ऐसे ऐप्स होते हैं जो आपसे आपके कॉन्टैक्ट, गैलरी, GPS लोकेशन, कैमरा आदि का एक्सेस मांगते हैं और हम बिना ध्यान दिए उन ऐप्स को ये परमिशन ग्रांट भी कर देते हैं। इसकी वजह से हमारे डिवाइस के निजी डाटा असुरक्षित हो जाती है।

क्या आपने कभी महसूस किया है कि आप किसी भी चीज को गूगल करते हैं तो आपके पास आपके द्वारा सर्च किए जाने वाले प्रोडक्ट्स का ऐड आने लगता है। आपने Facebook या फिर अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ये ध्यान नहीं दिया होगा। ऐसा इसलिए होता है कि आपके स्मार्टफोन में कई ऐसे ऐप्स होते हैं जो आपके निजी डाटा को चुराकर मार्केटर्स को मुनाफा कमाने के लिए बेच देते हैं। जिसकी वजह से आपके पास कई बार इस तरह के मार्केटिंग कॉल्स या ई-मेल आते हैं।

इससे बचने के लिए आपको अपने फोन की सेटिंग्स में जाकर ऐप्स में जाना होगा। ऐप्स में जाने के बाद किसी भी पर्टिकुलर ऐप में जाकर उसके परमिशन को चेक करना होगा। आप देख सकते हैं कि किस ऐप को कौन-कौन से परमिशन दिए गए हैं। आप वहां जाकर इन ऐप्स के परमिशन को डिसेबल कर सकते हैं। इसकी वजह से जब आप ऐप इस्तेमाल कर रहें हों या न कर रहें हों आपके निजी डाटा के किसी थर्ड पार्टी के साथ शेयर नहीं किया जा सकेगा।

Wi-Fi के जरिए भी होता है डाटा लीक

कई बार आप पब्लिक फ्री Wi-Fi के जरिए अपनी निजी जानकारियां हैकर्स को पहुंचा देते हैं। ऐप्स की तरह ही Wi-Fi इंटरनेट के जरिए अपने निजी डाटा को जाने-अनजाने में हैकर्स तक पहुंचा देते हैं। Samsung ने अपने यूजर्स के लिए डिवाइस में Secure Wi-Fi फीचर दिया है। वहीं, MIUI 12 के साथ Xiaomi ने नया प्राइवेसी प्रोटेक्शन फीचर जोड़ा है जो यूजर्स के स्मार्टफोन से मेटाडाटा जानकारी को फोटोज से शेयर करने से पहले हटा देता है। OPPO के ColorOS में भी ऐसा ही पेमेंट प्रोटेक्शन फीचर दिया गया है जो आपके पेमेंट को सिक्योर कर सकता है। खास तौर पर जब आप मोबाइल ट्रांजेक्शन करते हैं। अगर, आपके पास ये स्मार्टफोन्स हैं तो आप अपने डाटा को सिक्योर कर सकते हैं। खास तौर पर पब्लिक Wi-Fi के इस्तेमाल करते समय।

इन सब डाटा प्राइवेसी के उपायों के बाद आखिर में हम आपको यह भी सलाह दे रहें हैं कि आप अपने स्मार्टफोन के लिए बेहतर सिक्युरिटी ऐप्स या एंटी वायरस का इस्तेमाल जरूर करें। ताकि आपके निजी डाटा की सुरक्षा और भी चाक-चौबंद हो जाए। कई बार हम अपने जरूरी डाटा या प्राइवेट फोटो को खो देते हैं। ऐसा हमारे डिवाइस में रहने वाले वायरस की वजह से होता है। इसके लिए आपको अपने निजी डाटा को क्लाउड स्टोरेज पर रखना जरूरी होता है। ऐसे में फोन खो जाने या फिर चोरी हो जाने की स्तिथि में भी आपके निजी डाटा क्लाउड में सिक्योर रहेंगे। आप McAfee, AVG, Norton, Avast, Bitfender, Kaspersky के एंटी वायरस अपने Android स्मार्टफोन में इंस्टॉल कर सकते हैं।

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