कमला नेहरू एजुकेशनल ट्रस्ट की जमीन को रात के अंधेरे में प्रशासन ने कराया खाली

रायबरेली। रात के अंधेरे में गांधी परिवार से जुड़े लोंगो द्वारा संचालित एक सोसायटी की बेशकीमती जमीन को प्रशासन ने खाली करा लिया है।प्रयागराज लखनऊ राजमार्ग पर आवागमन रोककर मंगलवार की देर रात से चली यह कार्रवाई भोर तक चलती रही। इस दौरान मीडिया कर्मियों को भी इससे दूर रखा गया।
मौके पर पुलिस प्रशासन के आलाधिकारियों सहित भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। ध्वस्तीकरण की कारवाई का विरोध कर रहे दुकानदारों को हिरासत में लिया गया है। शहर कोतवाली क्षेत्र के सिविल लाइन चौराहे पर कमला नेहरू एजुकेशनल ट्रस्ट की करीब पांच बीघा जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया, इस जमीन पर 100 से अधिक दुकाने करीब 50 सालों से थी।
 गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के एक निर्णय में कमला नेहरू सोसायटी की इस जमीन को खाली कराने का आदेश दिया गया था। दुकानदारों ने इसका विरोध करते हुए प्रशासन से अपील की थी।
 सदर विधायक अदिति सिंह ने भी इस मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने उठाते हुए इसे एक घोटाला बताते हुए जांच की मांग की थी।दरअसल यह बेशकीमती जमीन कमला नेहरू सोसायटी को बालिकाओं की शिक्षा प्रसार के लिए लीज पर दी गई थी जिसे बाद में फ्री होल्ड करा लिया गया था।
जमीन पर पहले से ही काबिज़ दुकानदारों ने फ्री होल्ड के आदेश को चुनौती दी थी। जिस पर न्यायालय ने सोसायटी के पक्ष को मानते हुए जल्द जमीन खाली कराने को प्रशासन को निर्देश दिया था। जिसके लिए लगातार प्रशासन सक्रिय रहा और दो दिन पहले ही दुकानदारों की बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए गए थे।
 मंगलवार की देर रात अपर पुलिस अधीक्षक विश्वजीत श्रीवास्तव, सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ व कई थानों की फोर्स मय बुलडोजर के मौके पर पहुंची और दुकानदारों को हटने को कहा। इसका विरोध करते हुए दुकानदारों ने पथराव भी किया जिससे कइयों को हिरासत में ले लिया गया।
इस बीच बुलडोजर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई चलती रही और हाइवे को भी आवागमन के लिये बंद करा दिया गया था। प्रशासन के इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर इस मामले के गरमाने की चर्चा है। इस सम्बंध में जब विधायक अदिति सिंह के मीडिया प्रभारी ने बताया कि वह अभी शहर से बाहर हैं।
क्या है कमला नेहरू सोसायटी की जमीन का मामला 
1976 में रायबरेली के सिविल लाइन्स एरिया में करीब 5 बीघे जमीन कमला नेहरू एजुकेशनल ट्रस्ट को 30 साल के लिए लीज पर मिली थी। जिसमें बालिकाओं के लिए स्कूल खोलने जैसी कई सामाजिक कार्य ट्रस्ट को करने थे। बावजूद इसके इस जमीन पर कुछ भी नहीं हुआ। ट्रस्ट में उस समय कांग्रेस के कद्दावर नेता उमाशंकर दीक्षित,पूर्व मंत्री बैजनाथ कुरील,इंदिरा गांधी के प्रतिनिधि यशपाल कपूर व शीला कौल भी थी।
शीला कौल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता थी व राज्यपाल व कैबिनेट मंत्री रह चुकी थी। वर्तमान में इस सोसायटी में शीला कॉल के निधन के बाद उनके बेटे गौतम कौल व पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी सुनील देव भी हैं। शीला कौल गांधी परिवार से सीधे रिश्ते में थी और इंदिरा गांधी की मौसी थी।
 2003 में इस जमीन को फ्री होल्ड कराते हुए ट्रस्ट के पक्ष में बैनामा करा लिया गया। 2011 में ट्रस्ट द्वारा इस जमीन का एग्रीमेंट दस्यु ददुआ के छोटे भाई बालकुमार पटेल और उनके परिजनों के नाम कर दिया गया। हालांकि 23 मार्च 2019 को इस बैनामे को जिलाधिकारी द्वारा ख़ारिज कर दिया गया। जिसे न्यायालय में चुनौती दी गई थी और फ़ैसला सोसायटी के पक्ष में आया था।जिसके बाद इस सम्बंध में सिविल न्यायालय में भी एक वाद दायर किया गया है।

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