नई दिल्ली। कर्नाटक में मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के विकल्प की तलाश कर रही भाजपा गैर विवादित चेहरे को सामने ला सकती है। इस मानक पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी का नाम प्रमुखता से उभरा है। जोशी संसद सत्र के दौरान ही बेंगलुरु रवाना हुए हैं और वहां पर विधायकों को टटोल रहे हैं। हालांकि राज्य के जातीय समीकरणों में लिंगायत या वोक्कालिगा नेता को प्राथमिकता मिल सकती है।
कर्नाटक में येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद से हटने को तैयार होने के बाद भी भाजपा की दिक्कतें कम नहीं हुई है। क्योंकि उसे अब येदियुरप्पा का विकल्प ढूंढने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। प्रदेश के प्रमुख नेता बसवराज बोम्मई और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष के नाम भी प्रमुखता से चर्चा में हैं।
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व राज्य में ऐसे नेता को लाना चाहता है जो विवादित छवि से बाहर हो। प्रह्लाद जोशी इस कसौटी पर खरे उतरते हैं, लेकिन राज्य के नेताओं पर उनकी पकड़ को लेकर संदेह है। साथ ही जातीय समीकरणों में भी इससे दिक्कत आ सकती है।
कर्नाटक की स्थिति को देखते हुए भाजपा नेतृत्व अपने इस फैसले को कुछ दिन के लिए टाल भी सकता है। पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा है कि अब जबकि येदियुरप्पा हटने के लिए तैयार हो गए हैं, तो आधी समस्या वैसे ही हल हो चुकी है। क्योंकि अब नेतृत्व को सिर्फ नया नाम तय करना है। जल्दबाजी करने से अच्छा है कि सारे विकल्पों और सारी स्थितियों पर विचार कर फैसला लिया जाए।