लखनऊ। कल यानी बुधवार एक सितंबर से 1 से 5वीं तक के छोटे बच्चों के स्कूल भी खुल जाएंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले ही आदेश जारी कर दिया है। स्टूडेंट्स की सुरक्षा के मद्देनजर सरकार ने गाइडलाइन तैयार की है। इसके मुताबिक, बच्चों की पढ़ाई दो शिफ्ट में करवाई जाएगी। पहली शिफ्ट सुबह 8 से 11 बजे तक चलेगी और दूसरी शिफ्ट सुबह 11:30 बजे शुरू होगी।
इससे पहले यूपी में 16 अगस्त से 9-12वीं और 21 अगस्त से 6-8वीं तक के स्कूल खोले जा चुके हैं। करीब 18 महीने बाद ये पहला मौका होगा जब छोटे बच्चे भी स्कूल जाएंगे। इसके पहले मार्च 2020 में बच्चों का स्कूल खुला था।
क्या है स्कूलों की तैयारी?
- लंबे अरसे बाद स्कूल जाने की तैयारी कर रहे बच्चों का संचालकों द्वारा जोरदार स्वागत किए जाने की तैयारी है।
- नौनिहालों के लिए स्कूल परिसर में गाजे-बाजे समेत साज-सज्जा पर भी जोर है।
- स्कूल के गेट पर पहले बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी। हाथों को सैनिटाइज कराया जाएगा।
- बच्चों के माथे पर चंदन का टीका लगाया जाएगा।
परिषदीय स्कूलों में मिड डे मील के लिए साथ लाना होगा बर्तन
सरकार का निर्देश है कि स्कूल परिसर में बच्चों की थर्मल स्कैनिंग के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही सभी बच्चों को दो मास्क लेकर आना होगा। मिड डे मील के लिए अपने बर्तन साथ में लाने होंगे। ताकि बच्चे एक दूसरे के बर्तनों का प्रयोग न कर सकें। बच्चों को अपनी पानी की बोतल साथ लानी होगी। ऑफलाइन कक्षा के लिए अभिभावकों की अनुमति जरूरी होगी। जो बच्चें ऑफलाइन नहीं पढ़ना चाहते वह ऑनलाइन कक्षा में शामिल हो सकते हैं।
स्कूलों का दावा- कोविड प्रोटोकॉल का पालन करेंगे
बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि स्कूलों को शासन द्वारा जारी कोविड गाइडलाइंस का गंभीरता से पालन करना होगा। किसी स्तर पर लापरवाही सामने नहीं आनी चाहिए।अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि सभी स्कूलों ने कोरोना से बचाव की गंभीरता से तैयारी की है। लंबे अरसे बाद छोटे बच्चे क्लास में आएंगे, इसलिए उन्हें बेहतरीन माहौल भी दिया जाएगा। स्कूल भी बच्चों का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे हमारे लिए भी यह खुशी का अवसर है।
सीएमएस कानपुर रोड ब्रांच की प्रिंसिपल विनीता कामरान ने बताया कि हमने पहले से ही सभी तैयारियां पूरी कर रखी है। पहली क्लास से पांचवीं तक के बच्चों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। उनकी निगरानी के लिए एडिशनल स्टॉफ भी लगाया जाएगा। बच्चों को स्कूल परिसर में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी।