नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच देश के कई हिस्सों में शुक्रवार को चांद दिखाई दिया है। अब शनिवार से मुस्लिमों के पवित्र महीने रमजान की शुरुआत हो जाएगी। शनिवार से लोग रोजा रखना करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों को बधाई देते हुए कहा कि रमजान मुबारक! मैं सभी की सुरक्षा, कल्याण और समृद्धि के लिए प्रार्थना करता हूं। यह पवित्र महीना अपने साथ दया, सद्भाव और करुणा लेकर आए। हम COVID19 के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक निर्णायक जीत हासिल करें और एक स्वस्थ दुनिया बनाएं।
रमज़ान मुबारक! मैं सभी की सुरक्षा, कल्याण और समृद्धि के लिए प्रार्थना करता हूं। यह पवित्र महीना अपने साथ दया, सद्भाव और करुणा लेकर आए। हम #COVID19 के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक निर्णायक जीत हासिल करें और एक स्वस्थ दुनिया बनाएं: PM मोदी
29 या 30 दिन का रखते हैं रोजा
मुसलमान रमजान के महीने यानी चांद की तारीख के अनुसार 29 या 30 दिन के रोजे रखते हैं। रमजान हिजरी कैलेंडर के इस नौवें महीने में मुस्लिम समाज के लोग रोजा रखते हैं। रोजा एक ऐसा व्रत होता है, जो सूर्योदय से पहले शुरू होता है और सूर्यास्त तक चलता है। जो लोग रोजा रखते हैं, वो सहरी और इफ्तार के बीच कुछ भी नहीं खा-पी सकते। सहरी सुबह का खाना होता है, जो व्रत शुरू होने से पहले खाया जाता है। वहीं, इफ्तार दिनभर उपवास पूरा होने पर शाम के वक्त किया जाता है। इफ्तार का मतलब व्रत तोड़ना होता है।
इफ्तार के रूप में ज्यादातर लोग, फल, खजूर और अंकुरित चने का सेवन करते हैं। रमजान के वक्त रोजा रखने वाले सभी मुसलमान पांच वक्त की नमाज पढ़ना नहीं भूलते। कोराना वायरस के प्रसार और देश में लॉकडाउन लागू होने के कारण लोगों को मस्जिद की बजाय घर में ही नमाज पढ़ने के लिए कहा है।
लॉकडाउन के कारण लोगों से नियमों का पालन करने का अनुरोध
देश के प्रमुख उलेमाओं ने कहा है कि लॉकडॉउन में कोरोना वायरस से बचाव के लिए पांच धार्मिक लोगों के सिवाय कोई भी व्यक्ति मस्जिद में ना आएं, पांच वक्त नमाज, जुमा एवं नमाजे तरावीह अपने अपने घरों ही में अदा करें। वहीं सऊदी अरब में माह-ए-रमजान शुरू हो चुका है। दरअसल, सऊदी अरब में भारत से एक दिन पहले रमजान शुरू होते हैं। ईद भी एक दिन पहले मनाई जाती है।