नयी दिल्ली। कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को 32 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। पार्टी ने बड़ा दांव खेलते हुए झालरापाटन से भाजपा के पूर्व नेता मानवेन्द्र सिंह को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को खिलाफ मैदान में उतार दिया है। दरअसल, राजे ने झालरापाटन सीट से आज अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने यहां यह सूची जारी की, जिसमें सबसे प्रमुख नाम भाजपा से हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए मानवेंद्र सिंह का है। मानवेंद्र पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता रहे जसवंत सिंह के पुत्र हैं।
कांग्रेस ने गत 15 नवंबर की रात उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। इस सूची में 152 उम्मीदवारों के नाम थे। पहली सूची में कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, सचिन पायलट और सी पी जोशी को भी चुनाव मैदान में उतारा। गहलोत सरदारपुरा विधानसभा सीट से, सचिन पायलट टोंक से और सीपी जोशी नाथद्वारा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद मानवेंद्र ने कहा कि राहुल गांधी और केंद्रीय चुनाव समिति ने मुझ पर विश्वास जताया है। मैं उनका आभारी हूं। यह एक चुनौती है, जिसे स्वीकार करता हूं। उन्होंने कहा कि यह पहले से तय नहीं था।
पार्टी की ओर से अचानक से मुझसे कहा गया। मेरी इच्छा लोकसभा चुनाव लड़ने की थी और वह आज भी है। लेकिन फिलहाल पार्टी ने यह जिम्मेदारी दी है, जिसे मैं पूरी तरह निभाऊंगा। बता दें कि मानवेंद्र सिंह पिछले कुछ समय से भाजपा से नाराज चल रहे थे और हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए थे। दरअसल, 2014 के आम चुनावों में पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर जसवंत सिंह निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरे। हालांकि, इसमें जीत कांग्रेस से भाजपा में आए कर्नल सोना राम चैधरी के हाथ लगी। तभी से मानवेंद्र, उनका परिवार व समर्थक भाजपा से नाराज चल रहे हैं। इसी सितंबर में मानवेंद्र ने बाड़मेर में एक बड़ी स्वाभिमान रैली की और श्कमल का फूल, बड़ी भूलश् कहते हुए भाजपा से अलग हो गए थे।
वसुंधरा राजे ने झालरापाटन सीट से भरा नामांकन
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शनिवार को विधानसभा चुनाव के लिए झालरापाटन से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। नामांकन से पहले राजे ने श्री राड़ी बालाजी में पूजा-अर्चना की। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन भी उनके साथ मौजूद रहे। नामांकन के बाद सीएम ने रोड शो किया। गौरतलब है कि राजे ने वर्ष 1985 में धौलपुर से पहला विधानसभा चुनाव जीता। उसके बाद वर्ष 2003 में झालरापाटन से दूसरी बार विधायक बनीं और प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2008 का चुनाव भी जीता।
इसके बाद 2013 में भी झालरापाटन से चुनाव जीता और दूसरी बार राज्य की मुख्यमंत्री बनीं। वह वर्ष 1989 से 1999 तक नौंवी से तेरहवीं लोकसभा के लिए पांच बार सांसद भी चुनी गईं। बता दें कि राजे ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह झालरापाटन विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा था कि झालावाड़ से मेरा 30 साल पुराना अटूट रिश्ता है, जो जब तक सांस है, तब तक रहेगा। यह रिश्ता मुख्यमंत्री और कार्यकर्ताओं के बीच का नहीं, ये रिश्ता मां-बेटे, मां-बेटी, बहन-भाई के बीच का है।