कांग्रेस के लिए संजीवनी: इस साल छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव

2014 के लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी हार और कई राज्यों में सरकार गंवाने के बाद कांग्रेस के लिए कर्नाटक की जीत संजीवनी है। इस साल छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव हैं। इन राज्यों के नतीजे भाजपा के मुताबिक नहीं आए तो कांग्रेस को साइकोलॉजिकल तौर पर बढ़त मिलेगी।

कर्नाटक की जीत के बाद कांग्रेस ने यह संदेश देना शुरू कर दिया है कि महंगाई, भ्रष्टाचार व बेरोजगारी प्रमुख मुद्दे रहेंगे। इन्हीं मुद्दों के दम पर भाजपा को मात दी जा सकती है।

दूसरी ओर हिंदुत्व, विकास और मोदी फैक्टर के भरोसे चुनावी रथ पर सवार भाजपा कर्नाटक से निराश होने के बावजूद अपने कार्यकर्ताओं को यह संदेश दे रही है कि हार-जीत लगी रहती है और लोकसभा चुनाव पर राज्यों के नतीजों से असर नहीं पड़ता।

चुनाव के रणनीतिक मुद्दों पर भाजपा दुविधा में रही
कर्नाटक में नेतृत्व समेत चुनाव के रणनीतिक मुद्दों पर भाजपा दुविधा में रही, जबकि कांग्रेस सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के चेहरे पर मैदान में थी। ऐसे में भाजपा को इन राज्यों में स्थानीय नेतृत्व को लेकर रुख साफ करना होगा।

कांग्रेस भी अब हिंदुत्व के मुद्दे को भाजपा के हाथ में नहीं रहने देना चाहती। मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार महाकाल लोक, देवी लोक, शंकराचार्य की प्रतिमा की स्थापना करके हिंदुत्व के एजेंडे को बढ़ा रही है। ठीक वैसे ही कांग्रेस हनुमान चालीसा पाठ से लेकर धार्मिक कथाओं के आयोजनों में जुटी है।

राजस्थान के बिकानेर में कर्नाटक में पार्टी की जीत का जश्न मनाते कांग्रेस कार्यकर्ता।
राजस्थान के बिकानेर में कर्नाटक में पार्टी की जीत का जश्न मनाते कांग्रेस कार्यकर्ता।

मध्यप्रदेश: भाजपा की फ्लैगशिप योजनाओं की तत्काल काट निकाल रही कांग्रेस
मध्यप्रदेश में भाजपा ने कांग्रेस की सरकार गिराकर सत्ता पाई थी। यहां भ्रष्टाचार, पेपर लीक, बेरोजगारी, महंगाई व विधायकों की खरीद-फरोख्त जैसे मुद्दे हैं। यही मुद्दे कर्नाटक में हावी थे। कांग्रेस भाजपा की फ्लैगशिप योजनाओं की तत्काल काट निकाल रही है। भाजपा ने लाडली बहना योजना के जरिए महिलाओं को 1000 रुपए महीने देने की घोषणा की तो कांग्रेस ने नारी सम्मान योजना में 1500 देने का वादा कर दिया।

राजस्थान: कांग्रेस उलझी, भाजपा भी
सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट में खींचतान जारी है। भाजपा में भी नेतृत्व स्पष्ट नहीं है। गहलोत चिरंजीवी योजना और 500 रुपए में सिलेंडर देने जैसी घोषणाओं से महिलाओं, ग्रामीणों और SC-ST वर्ग के बीच पहुंच बना रहे हैं। दूसरी ओर, भाजपा पेपर लीक, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण के आरोपों पर घेरने में जुटी है। हालांकि नेतृत्व स्पष्ट न होने से भाजपा पूरी आक्रामकता से मैदान पर नहीं दिख रही।

छत्तीसगढ़: कांग्रेस भी हिंदुत्व की राह पर
9 साल में कांग्रेस को सबसे बड़ी जीत छत्तीसगढ़ में मिली थी। भूपेश बघेल ग्रामीणों, महिलाओं, युवाओं, कामगारों, किसानों और आदिवासियों के लिए योजनाओं के जरिए कोर वोटबैंक को साध रहे हैं। वहीं, राम वन गमन पथ, माता कौशल्या मंदिर जैसे कामों से भाजपा के हिंदुत्व के नैरेटिव की काट निकाल रहे हैं। भाजपा भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है। लेकिन, भाजपा को स्थानीय चेहरा स्पष्ट न करना भारी पड़ सकता है।

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