नई दिल्ली। राजस्थान के पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट जहां अदालत के जरिए अपनी सदस्यता बरकरार रखने की कोशिश कर रहे हैं। वही, दूसरी तरफ उन्होंने अपने रुख को कुछ नरम किया है। कांग्रेस के भी कई वरिष्ठ नेता उनके संपर्क में है। कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सचिन पायलट ने अपने रुख में कुछ बदलाव किया है। अभी तक वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हटाने से कम पर बात करने के लिए तैयार नही थे, पर अब वो नए सिरे से बातचीत करना चाहते हैं।
आज हाइकोर्ट में सचिन पायलट समेत उनके 19 समर्थित विधायकों की याचिका पर दोबारा सुनवाई होने वाली है। इस बीच आज सीएम अशोक गहलोत सुनवाई से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर सकते हैं। इस बीच खबर है कि सचिन पायलट खेमे से उनके 5 खास साथियों ने उनका साथ छोड़ दिया है। अब उनके पास 30 की जगह सिर्फ 25 विधायक ही बचे हैं।
सूत्रों का कहना है कि पायलट ने कांग्रेस कार्यसमिति के एक सदस्य को फोन कर बातचीत की है। उन्होंने संकेत दिए हैं कि वो पार्टी के साथ बातचीत करना चाहते हैं। पार्टी ने भी कहा है उनके लिए पार्टी के दरवाजे खुले हैं।
अहमद पटेल ने किया पायलट से संपर्क
इससे पहले पार्टी आलाकमान के निर्देश पर वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने सचिन से संपर्क किया था। पार्टी सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट अभी सभी विकल्प खुले रखना चाहते हैं।
गहलोत ने भी युवा नेतृत्व की वकालत की
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्वीट कर युवाओं के भविष्य की वकालत की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, हम तो तीसरी बार मुख्यमंत्री बन गए। चालीस साल से ज्यादा राजनीति करते हुए हो गए। नई पीढ़ी जो आई है, हम उनको प्यार करते हैं। आने वाला कल उनका है। गहलोत ने एक ट्वीट कर कहा कि युवा हमसे अच्छा काम कर सकते हैं। हमारे जमाने में तो कोई कम्युनिकेशन नहीं था। आज आईटी का जमाना है। मोबाइल है, मीडिया है। देश का भविष्य इन पर निर्भर करता है।
मुख्यमंत्री के इस ट्वीट को सचिन पायलट को मनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। गहलोत ने एक दिन पहले पायलट पर सीधा हमला करते हुए सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। इसके बाद पार्टी प्रवक्ता ने बयान दिया था कि सचिन पायलट के लिए पार्टी के दरवाजे खुले हुए हैं। पार्टी की नजर अब पायलट के कानूनी दांव पेच और विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस पर फैसला का इंतजार है।