लखनऊ। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कोरोना के मद्देनजर कर्मचारियों के भत्ते खत्म करने पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि इस महामारी में कर्मचारी विशेषकर डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन, सफाई कर्मचारी, पुलिस, खुफिया विभाग, शिक्षक आदि अपना योगदान दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार इनके हितों और जीविका को लूटने का काम कर रही है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों के 6 प्रकार के भत्ते खत्म करने जा रही है। इसके पहले सरकार ने ये घोषणा की थी कि भत्तों को सिर्फ स्थगित किया गया है। प्रदेश के कर्मचारियों के भत्ते को खत्म करना अमानवीय, अव्यवहारिक और तुगलकी फरमान है। प्रदेश के 16 लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे। प्रदेश सरकार अपने इस फैसले को वापस लेने का पुनर्विचार करे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निजी कंपनियों व उद्योगों के मालिकों से ये अपील करती है कि अपने कर्मचारियों का वेतन न काटे और समय से पहले वेतन दें। वहीं दूसरी तरफ सरकार द्वारा खुद के कर्मचारियों का कोरोना की आड़ में हक मारना दुर्भाग्यपूर्ण होगा। लॉकडाउन महामारी के समय प्रदेश के कर्मचारियों पर दो गुना काम का बोझ है। ऐसे समय में उनके भत्तों को खत्म करना उन्हें हतोत्साहित करना होगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने ‘मुख्यमंत्री सहायता कोष’ को सार्वजनिक करने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आम नागरिकों, विभिन्न विभागों के कर्मचारी संगठनों ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिये स्वेच्छा से सरकार को हजारों करोड़ रुपये दान दिये हैं। बावजूद इसके सरकार ने कर्मचारियों के भत्तों को खत्म कर दिया। अजय लल्लू ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फण्ड का विवरण प्रदेश की जनता के समक्ष रखा है। राज्य के मुख्यमंत्री से उम्मीद है कि वे भी ऐसी ही पारदर्शिता दिखायेंगे।