लखनऊ। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू को कुछ दिन और जेल में ही रहना होगा। उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में शुक्रवार को जमानत याचिका पर हुई सुनवाई में अजय लल्लू को अब 16 जून की तारीख दी गई है।
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की जमानत पर आज न्यायमूर्ति एआर मसूदी की बेंच में सुनवाई हुई। इसमें मामले को लेकर अगली तारीख दी गई। अजय लल्लू को 20 मई को आगरा में अवैध रूप से धरना प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें उसी दिन जमानत मिल गई। हालांकि इसके तुरन्त बाद लखनऊ पुलिस ने उन्हें दूसरे मामले में गिरफ्तार कर लिया। उन पर प्रवासी मजदूरों को भेजने के लिए मंगाई गई बसों के कागजों में फर्जीवाड़ा करने का आरोप है।
अजय लल्लू की जमानत अर्जी इससे पहले विशेष एमपी-एमएलए अदालत में विशेष न्यायाधीश पीके राय एक जून को खारिज कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि मामला गम्भीर प्रकृति का है। इसकी विवेचना अभी चल रही है ऐसे में इस स्तर पर जमानत देने का कोई औचित्य नहीं है। इसके बाद अजय लल्लू ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी है। इसमें उन्होंने राजनीतिक कारणों से फंसाये जाने का आरोप लगाया गया है।
वहीं उप्र कांग्रेस मीडिया संयोजक ललन कुमार ने अजय कुमार लल्लू की जमानत याचिका की अगली तारीख 16 जून को निर्धारित होने पर कहा कि योगी सरकार का ये गरीब-मजदूर विरोधी रवैया साफ झलक रहा है। जिस तरह से बार-बार कोर्ट में मामले सरकारी वकील द्वारा टाला जा रहा है, यह बहुत ही शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का सेवा सत्याग्रह के माध्यम से एक-एक सिपाही सड़क पर आंदोलन करेंगे। हमारे अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के रिहाई के लिए जेल भरो आंदोलन बहुत जल्द ही शुरू किया जाएगा। भाजपा की योगी सरकार का ये तानाशाही रवैया प्रदेश की जनता सब देख रही है। उन्होंने कहा कि याचना नहीं अब रण होगा, उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार का पतन होगा।
गौरतलब है कि प्रवासी कामगारों को अन्य राज्यों से लाने के लिए कांग्रेस की ओर से प्रदेश सरकार को सौंपी गई एक हजार बसों की सूची में फर्जीवाड़ा करने के मामले में अजय कुमार लल्लू को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कांग्रेस द्वारा बस चलवाने की अनुमति मांगी थी। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू राजस्थान बार्डर पर खड़ी बसों को यूपी सरकार के अधिकारियों को सौंपने आगरा गए थे। गड़बड़ी मिलने पर अनुमति नहीं मिलने को लेकर उनका विरोध किया, जिसके बाद उनके खिलाफ आगरा में लॉकडाउन उल्लंघन और लखनऊ में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया।
वहीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने एक पत्र में कहा है कि अजय लल्लू बेइंसाफी और दबाव के बाद भी बेखौफ और अजय हैं। जम्हूरियत और अदालत पर उन्हें पूरा यकीन है। कुर्बानी और खिदमत के लिए उनका जज्बा अजेय है। अजय लल्लू उस हिंदुस्तान के सच्चे शहरी हैं जिसके लिए महात्मा गांधी ने लड़ाई लड़ी थी, वे इंसाफ के हकदार हैं, उनके साथ इंसाफ होना चाहिए।