– मौसम विभाग के अनुसार दिनों-दिन और बढ़ेगा कोहरा, दुर्घटनाओं की संभावनाएं बढ़ी
कानपुर। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी और बढ़ती ठिठुरन का असर दिसम्बर माह की शुरुआत से ही मैदानी इलाकों में दिखने लगा था। अब ठिठुरन के साथ ही माह के दुसरे सप्ताह से घने कोहरे ने भी परेशान करना शुरू कर दिया है। कोहरे में सबसे ज्यादा समस्या वाहन सवारों के लिए बन गई है और वाहन चलाने में दिक्कतें सामने आ रही हैं।
गुरुवार की सुबह कोहरे का आलम कानपुर सहित आसपास के क्षेत्रों में ऐसा रहा कि हाइवे सहित शहर के लिंक सड़कों पर विजिबिल्टी (दृश्यता) न के बराबर जा पहुंची और वाहन सवारों को गाड़ियां चलाने में काफी दिक्कतें आई। कोहरे में वाहनों को आगे 5 से 10 मीटर दूरी भी नहीं दिखाई दे रही थी।
कानपुर-झांसी, कानपुर-इटावा, कानपुर-सागर मार्ग, कानपुर-लखनऊ हाइवे पर वाहन रेंगते दिखे। कई जगहों पर तो गाड़ियों को चलाने के बजाए वाहन स्वामियों ने सड़क किनारे खड़ी करने में ही भलाई समझी और दृश्यता स्पष्ट होने या कोहरा छटने के बाद ही गंतव्य के लिए आगे रवाना हुए। सीएस मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में कोहरा और घना होगा।
लाइट, डिपर व संकेतों पर चलाए जा रहे वाहन
कोहरे के कारण सड़कों पर वाहन चलाने के लिए गाड़ियों की लाइट व डिपर के बिना नहीं चलाए जा सके। सुबह से ही कोहरे ने मुसीबत को हाइवे पर चलने वाले भारी वाहनों दोगुना कर दिया। वहीं जोखिम भरे सफर तय करने के बजाए गाड़ियां ढाबों व सड़कों के किनारे उचित स्थान पर खड़े कर दिए। इस बीच सड़कों पर जो वाहन चल भी रहे थे वह यातायात के लिए बने संकेतों के माध्यम से सावधानी के साथ चलते नजर आए।
गंगा व तराई क्षेत्रों में दृश्यता शून्य
कोहरे ने सबसे ज्यादा परेशानी गंगा व तराई क्षेत्रों में देखने को मिला। इन इलाकों से होकर गुजरने वाले मार्गों पर कोहरे ने वाहन को चक्के जाम कर दिए। यहां शून्य दृश्यता के चलते वाहन चलाए ही नहीं जा सके। हैरत की बात यह रही कि मॉर्निंग वॉकिंग के लिए निकलने वाले लोग भी कोहरे में कम ही निकलते दिखे।