औरैया। जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) हृदय नारायण त्रिपाठी और लिपिक संतोष को शासन ने निलंबित कर दिया है। दरअसल, कडगोर निवासी सुशील कुमार नाम के एक युवक ने मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी के लिए आवेदन किया था। लेकिन रिश्वत न देने पर उसकी पत्रावली लटकी रही।
इस बाबत DIOS और सुशील के बीच बातचीत का ऑडियो सामने आया था। जिसमें DIOS 10 लाख की रिश्वत की डिमांड कर रहे थे। इस ऑडियो का शासन ने संज्ञान लिया था।
मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक ने की जांच
वायरल ऑडियो में औरैया जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक संतोष बाबू कभी 10 लाख, कभी 7 लाख और कभी 3 लाख रुपए की मांग कर रहा था। ऑडियो क्लिप का संज्ञान लेते हुए शासन और विभाग ने कानपुर मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक केके गुप्ता को स्थलीय जांच करने के निर्देश दिए। जांच में शिकायतकर्ता सुशील कुमार यादव को भी बुलाया गया। औरैया के उप जिला मजिस्ट्रेट भी उपस्थित थे।
शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय ने बताया कि जांच से स्पष्ट है कि हृदय नारायण त्रिपाठी द्वारा स्वयं स्वीकार किया गया है कि वायरल ऑडियो क्लिप उनके और सुशील के मध्य का है। जांच आख्या पर त्वरित कार्रवाई करते हुए शासन ने हृदय नारायण त्रिपाठी को निलंबित कर दिया है। उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की भी संस्तुति कर दी है। साथ ही लिपिक संतोष बाबू को भी निलंबित कर दिया गया है।
क्या था मामला?
किसान इंटर कॉलेज दलीपपुर में प्रवक्ता रहे अमर सिंह यादव के बेटे सुशील ने मृत्यु अनुकंपा के तहत विद्यालय में लिपिक की नियुक्ति को लेकर आवेदन किया था। लेकिन बिना रुपए दिए DIOS कार्यालय से फाइल आगे नहीं भेजी गई। नौकरी को लेकर 10 लाख रुपए तक की मांग की गई।
सुशील ने DIOS को फोन किया तो वे खुद रुपए के बाबत बात करने लगे। यह भी कहा कि यदि पहले धनराशि उपलब्ध करा दिया होता तो 90 हजार का नुकसान नहीं होता। दरअसल, वे तीन माह पहले की ज्वाइनिंग हो जाने की बात कह रहे थे। सुशील के पिता अमर सिंह की किडनी ट्रांसप्लांट की गई थी जिसमें काफी पैसा खर्च हो चुका है। उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।