भदोही। विशेष न्यायाधीश किशोर न्यायालय/अपर सत्र न्यायाधीश (पाक्सो) मधु डोगरा ने 15 साल की लड़की से दुष्कर्म के मामले में 16 वर्षीय लड़के को दोषी करार देते हुए शुक्रवार को उसे 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने सिर्फ 11 महीने में फैसला सुनाते हुए दोषी लड़के पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसे उसके अभिभावक से वसूला जाएगा।
कोर्ट ने आदेश दिया है कि दोषी किशोर जब तक बालिग नहीं हो जाता, उसे बाल संरक्षण गृह में रखा जाए। इसके बाद सजा पूरी होने तक उसे जेल में रखा जाएगा। औराई कोतवाली के एक गांव निवासी किशोरी की मां ने 31 मार्च 2024 को कोतवाली में तहरीर दी थी कि उसके पति मुंबई रहते हैं।
पति के बीमार होने के कारण वह बेटे के साथ मुंबई गई थी। घर में दो बेटियां थीं। बड़ी बेटी गाय चराने गई थी और छोटी बेटी घर में पढ़ रही थी। इस बीच पड़ोस में रहने वाला लड़का छत के रास्ते घर में घुसा और दुष्कर्म किया। लड़के ने इसके बाद धमकी देकर कई बार जबरदस्ती की।
बेटी की तबीयत खराब हुई तो डाक्टर को दिखाया। पता चला वह गर्भवती है। उसने मां को आपबीती बताई। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की और कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। इस बीच लड़के की मां ने बेटे के नाबालिग होने का दावा करते हुए कोर्ट में याचिका दाखिल की।
मेडिकल परीक्षण में उसके नाबालिग होने की पुष्टि हुई। मामले की सुनवाई बाल न्यायालय में हुई। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद किशोर को 20 साल कारावास की सजा सुनाई है।