नई दिल्ली। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। चुनाव आयोग ने सोरेन की किस्मत का फैसला राज्यपाल रमेश बैस को एक सीलबंद लिफाफे में भेज दिया है। दरअसल, सोरेन पर मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए अपने नाम पर खनन पट्टे को लीज पर लेने का आरोप है।
माना जा रहा है कि आयोग ने अपनी राय में हेमंत सोरेन की सदस्यता को रद्द करने की सिफारिश की है। इससे सूबे में सियासी हलचल तेज हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने सभी विधायकों को शाम तक रांची पहुंचने के लिए कहा है। यहां पढ़ें इससे जुड़े सभी अपडेट्स-
हेमंत सोरेन का ट्वीट
सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया, ‘संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे? झारखण्ड के हमारे हजारों मेहनती पुलिसकर्मियों का यह स्नेह और यहाँ की जनता का समर्थन ही मेरी ताकत है। हैं तैयार हम! जय झारखण्ड!
4:30 बजे PC करेंगे CM सोरेन
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज 4:30 बजे प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। ऑफिस ऑफ़ प्रॉफिट मामले पर अपना पक्ष रखेंगे
हेमंत सोरेन के खिलाफ होनी चाहिए कार्रवाई: रघुवर दास
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि देखिए, राज्यपाल क्या कार्रवाई करते हैं. सिर्फ हेमंत सोरेन की सदस्यता ही नहीं जानी चाहिए, बल्कि उन्हें चुनाव लड़ने के अयोग्य भी घोषित किया जाना चाहिए. चूंकि यह मामला भ्रष्टाचार है, इसलिए उनके खिलाफ पीसी एक्ट के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया.
आज शाम भाजपा कोर कमिटी की बैठक
आज शाम भाजपा कोर कमिटी की बैठक होगी।
रांची आए राज्यपाल रमेश बैस
राज्यपाल रमेश बैस रांची आए। एयरपोर्ट पर मीडिया कर्मियों की धक्का-मुक्की की बीच उन्होंने कहा कि हम तो अभी राजभवन जाएंगे। रिपोर्ट देखेंगे फिर बात करेंगे। तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे।
रांची पहुंचे झारखंड के राज्यपाल
रांची पहुंचे झारखंड के राज्यपाल। इस बीच राजभवन की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।
मुख्यमंत्री आवास में सभी विधायकों को बुलाया गया
मुख्यमंत्री आवास में सभी विधायकों को बुलाया गया है। झामुमो के साथ-साथ कांग्रेस और राजद के विधायक पहुंच रहे हैं। कांग्रेस भवन से प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर समेत अन्य विधायक मुख्यमंत्री आवास के लिए रवाना।
सोरेन को अयोग्य घोषित कर देना चाहिए
झारखंड के पूर्व सीएम रघुबर दास ने कहा, ‘देखते हैं कि राज्यपाल क्या कार्रवाई करते हैं। न केवल उनसे (झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन) उनकी सदस्यता छीन ली जानी चाहिए बल्कि उन्हें भी प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। उनके खिलाफ पीसी एक्ट के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि यह भ्रष्टाचार का मामला है। उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया है।’
शिवशंकर शर्मा ने दायर की थी याचिका
सूचना के अधिकार के तहत शिवशंकर शर्मा ने दो जनहित याचिकाएं दायर करते हुए खनन लीज आवंटन मामले की जांच सीबीआई और ईडी से कराने की मांग की थी। सीएम सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने नाम पर खनन पट्टा आवंटित करवा लिया। इसके अलावा सोरेन परिवार पर फर्जी कंपनियों में निवेश कर संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप है।
सीएम आवास पहुंचे कुछ मंत्री
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार के कुछ मंत्री रांची में सीएम के आवास पर पहुंच गए हैं। महाधिवक्ता भी पहुंचे हैं। सभी राजभवन को लाभ के पद मामले पर चुनाव आयोग की राय मिलने के बाद पहुंचे हैं।
बीजेपी ने तैयार की रिपोर्ट
सोरेन ने आयोग की राय पर गुस्से में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘ऐसा लगता है कि बीजेपी नेताओं, एक बीजेपी सांसद और उनके कुछ पपेट पत्रकारों ने खुद आयोग की रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया है, जोकि एक सीलबंद लिफाफे में बंद है।’ वहीं बीजेपी को भरोसा है कि उसका याचिका दायक करना सफल हो गया है। पार्टी ने राज्य में मध्यावधि चुनाव कराने की मांग की।
क्या है पूरा मामला
हेमंत सोरेन पर झारखंड के मुख्यमंत्री रहते हुए अपने और अपने भाई बसंत सोरेन को खनन पट्टा आवंटित करने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय ने कुछ महीने पहले खनन सचिव रहीं पूजा सिंघल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। पूजा ने ही सीएम को खनन लाइसेंस जारी किया था।
राजभवन पहुंचने पर कुछ कहूंगा
लाभ के पद पर सीएम हेमंत सोरेन पर चुनाव आयोग की राय मिलने पर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा, ‘मुझे अपने लिए मिले किसी आदेश के बारे में फिलहाल कुछ पता नहीं है। मैं इलाज के लिए एम्स गया था, राजभवन पहुंचने के बाद ही इसपर कुछ कह सकता हूं।’
झामुमो ने प्राकृतिक संसाधनों को लूटा
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा, ‘झारखंड के लोगों ने झामुमो को बहुत उम्मीद और भरोसे के साथ चुना था, लेकिन जब से वे सत्ता में आए, उन्होंने राज्य के प्राकृतिक संसाधनों को लूटना शुरू कर दिया। आज जो हो रहा है उसके लिए अगर कोई जिम्मेदार है, तो वह खुद सोरेन सरकार है। वह अपने ही कुकर्मों के कारण संकट में है।’
राज्यपाल के हाथ में है आखिरी फैसला
सोरेन को खनन लीज आवंटन के मामले की जांच चुनाव आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत की। इसमें किसी सदस्य को अयोग्य ठहराने का आखिरी फैसला राज्यपाल को करना होता है। ऐसे मामले मे फैसला देने से पहले राज्यपाल को चुनाव आयोग की राय लेनी होती है और उसके मुताबिक निर्णय लेना होता है।
शाम तक रांची पहुंचे सभी झामुमो विधायक
चुनाव आयोग ने राज्यपाल को अपनी राय सीलबंद लिफाफे में भेज दी है। इसे सूबे की राजनीति गरमा गई है। ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्टा ने शाम तक अपने सभी विधायकों को रांची पहुंचने के लिए कहा है। माना जा रहा है कि रिपोर्ट में सोरेन को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की गई है।
दो बजे रांची पहुंचेंगे राज्यपाल
झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस रांची के लिए रवाना हो गए हैं। वे दो बजे तक राजधानी पहुंच जाएंगे। तीन बजे वे हेमंत सोरेन की सदस्यता को रद्द करने की अधिसूचना जारी कर सकते हैं।
अयोग्यता की सिफारिश पर सोरेन ने दी प्रतिक्रिया
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कहना है कि उन्हें रिपोर्ट को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है। कहा जा रहा है कि आयोग ने राज्यपाल को जो रिपोर्ट भेजी है उसमें उन्हें अयोग्य करार देने की सिफारिश की गई है।